नई दिल्ली. बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान की चचेरी बहन नूरजहां पाकिस्तान में होने जा रहे आम चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं. वह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उतरेंगी. यह चुनाव 25 जुलाई को होने जा रहा है.
बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग से गुरुवार को नामाकंन पत्र प्राप्त करने वाली नूरजहां पेशावर में पीके-77 सीट से उम्मीदवार होंगी. उन्होंने कहा कि ‘मेरा लक्ष्य महिला सशक्तीकरण के लिए काम करने का है. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान दूंगी.’
नूर जहां दो बार शाहरुख से मिलने मुंबई आ चुकी हैं. वह काउंसलर रह चुकी हैं. नूर जहां के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे उनके भाई मंसूर ने कहा कि उनका परिवार खुदाई खिदमतगार आंदोलन का हिस्सा रह चुका है. खान अब्दुल गफ्फार खान ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ इस आंदोलन की अगुआई की थी.
बता दें कि साल 1947 में भारत-पाक विभाजन के दौरान शाहरुख के पिता मीर ताज मोहम्मद दिल्ली आ गए थे. लेकिन चाचा गुलाम मोहम्मद ने पाकिस्तान में ही रहने का फैसला किया. गुलाम मोहम्मद के दो बेटे मंसूर खान, मकसूद खान और एक बेटी नूर हैं. 1978 में शाहरुख पहली बार अपने पिता के साथ पेशावर पहुंचे थे. वहीं नूर 1997 में पहली बार मुंबई आई थीं.