कुंदन कुमार, पटना। सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा विधायक जनक सिंह को ‘विधानसभा का गुंडा’ बताया है। उन्होंने तरैया की जनता की ओर से तेजस्वी यादव से मांगी माफी है। दरअसल बिहार की सियासत में इस वक्त एक गंभीर सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या लोकतंत्र के मंदिर में अब गाली-गलौज और अपराधियों का बोलबाला होगा?
बिहार विधानसभा के सत्र में तरैया के भाजपा विधायक जनक सिंह द्वारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भद्दी गालियां देने और शर्मनाक व्यवहार करने के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जनक सिंह को जमकर लताड़ लगाई है।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, मीडिया की खबरों से स्पष्ट है कि जनक सिंह ने जिस स्तर की अमर्यादित भाषा और असभ्य आचरण का प्रदर्शन किया है, वह न सिर्फ तरैया विधानसभा क्षेत्र बल्कि पूरे सारण और बिहार का अपमान है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनक सिंह का आचरण किसी गली के गुंडे से भी अधिक कुत्सित है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा ने उन्हें लोकतंत्र के मंच पर नहीं, अपराध का मंच सजाने भेजा है।
उन्होंने कहा कि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ इस तरह की घिनौनी भाषा का इस्तेमाल, भाजपा के भीतर बैठे असहिष्णु और हिंसक मानसिकता के नेताओं की सच्चाई उजागर करता है। लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे शर्मनाक बात यह है कि भाजपा और एनडीए नेतृत्व ने अभी तक जनक सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। यह चुप्पी साफ बता रही है कि इस घिनौने व्यवहार को भाजपा और एनडीए का खुला समर्थन है।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, तरैया की जनता जनप्रतिनिधि के तौर पर जनक सिंह द्वारा किए गए व्यवहार से शर्मसार है और तेजस्वी यादव जी से माफी मांगती है। उन्होंने कहा कि, यह पहली बार नहीं है जब जनक सिंह ने विधानसभा को कलंकित किया हो। उन पर हत्या, दंगा फैलाने, अपराधी को संरक्षण देने, झूठी जानकारी देने और जमीन कब्जा करने जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। फिर भी वे विधायक बने बैठे हैं और यह हमारे लोकतंत्र पर बदनुमा धब्बा है।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, छपरा में जनक सिंह जमीन खरीद बिक्री का भी काम करते हैं और कई बार मारपीट में भी शामिल रहे हैं। इनकी पिटाई भी की गई है। डोएला निवासी स्वर्गीय वकील सिंह के संबंधी स्व. अवधेश सिंह के सुपुत्र महुली निवासी दिलीप सिंह की बम विस्फोट में मौत हुई थी और इसमें जनक सिंह भी आरोपी है, जेल में भी रहे हैं।
उन्होंने बताया कि, जनक सिंह का पूरा राजनीतिक कॅरियर विवादों भरा है। तरैया के गलिमापुर निवासी बबन सिंह जी की मौत हुई थी, जो जनक सिंह के साथ ही कारसेवा में गए थे। उनकी रहस्यमयी मौत आज भी सवालों के घेरे में है। जनक सिंह के आचरण को देखते हुए उनके विधायक रहने के दौरान उनके द्वारा कराए गए सभी कार्यों की जांच होनी चाहिए।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने चेतावनी दी कि बिहार की जनता किसी भी कीमत पर इस तरह की गुंडागर्दी और नफरत की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने जनक सिंह को सिर्फ तरैया ही नहीं, पूरे सारण की अस्मिता पर हमला करने वाला बताया और कहा कि जनता अब चुप नहीं बैठेगी। जो लोकतंत्र को गाली देगा, उसे जवाब भी मिलेगा, जनमत से और सड़क से।
वहीं दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूरे संयम और गरिमा के साथ इस मामले को संभाला। उन्होंने कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की, बल्कि लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखी। यह बात साबित करती है कि तेजस्वी यादव सिर्फ नाम के युवा नेता नहीं हैं, बल्कि वे संयम और समावेश की राजनीति के प्रतीक हैं। अब सवाल यह नहीं है कि जनक सिंह ने क्या कहा। सवाल यह है कि क्या भाजपा ऐसे अपराधी छवि वाले नेताओं को खुला मैदान देने जा रही है?
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, बिहार अब बदलाव चाहता है। एक ऐसा नेतृत्व जो नफरत नहीं, उम्मीद बोए। तेजस्वी यादव उस नेतृत्व के सबसे मज़बूत चेहरा बनकर उभरे हैं। जिस तरह उन्होंने इस पूरे प्रकरण में विवेकपूर्ण व्यवहार का प्रदर्शन किया है, वह उनकी राजनीतिक परिपक्वता का प्रमाण है।
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