रायपुर। भाजपा नेता जगत प्रकाश नड्डा के काफिले पर कथित पथराव से विचलित होकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने संवाददाताओं से चर्चा और मुख्यमंत्री को चेतावनी दी है. इस घटनाक्रम पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज झीरम की घटना हम छत्तीसगढ़वासियों को याद आ रही है, जब 29 लोगों की जाने माओवादी हमले में चली गई थे. हमला ठीक उसी स्थान पर हुआ था, जहां पर भाजपा की रमन सिंह सरकार ने सुरक्षा मुहैया नहीं कराई थी. उस घटनाक्रम में मोदी या भाजपा ने या भाजपा की राज्य सरकार ने कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई थी और ना ही भाजपा की राज्य सरकार की सेहत पर उस दुखद घटना से को कोई फर्क पड़ा था.
आज तक झीरम के उस घटनाक्रम की जांच नहीं होने देने में जीरम के घटनाक्रम के बाद बनी भाजपा की केन्द्र सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह सहित भाजपा की पूरी ताकत लगी हुई है. ममता बनर्जी से खतरनाक खेल त्याग देने की बात कहने के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने संवाददाताओं का सहारा लिया और राज्यपाल के पद से जुड़ी तमाम मर्यादायें और सीमाएं तोड़ दी. भाजपा की केन्द्र सरकार के गृहसचिव पश्चिम बंगाल के प्रमुख सचिव और डीजीपी की पेशी कर रहे है. सारी भाजपा कथित पत्थर बाजी की घटना को लेकर एक महिला ममता बेनर्जी को निशाने में ले रही है. लेकिन भाजपा को इस सवाल का जवाब देना चाहिये कि झीरम कांड में विपक्षी नेताओं की पूरी पीढ़ी की शहादत के समय भाजपा की यह सारी संवेदना कहां सोयी पड़ी थी?
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि हर तरह की हिंसा निंदनीय है, लेकिन केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे राज्य प्रायोजित कहकर गंभीर सवाल खड़े कर दिये है. नड्डा के काफिले पर पत्थर चलने को कथित घटना पर हायतौबा मचा रहीं भाजपा और भातपा के केन्द्र सरकार केन्द्रीय गृहमंत्री को और केन्द्र की भाजपा सरकार को यह बताना चाहिये कि यह राजनैतिक बयान है या गृह मंत्रालय की रिपोर्ट है. जीरम के घटनाक्रम में ठीक उसी जगह हमला होना जहां रमन सिंह की सरकार ने बिना पूर्व सूचना के सुरक्षा हटा ली थी, इसे अमित शाह राज्य प्रायोजित हत्याकांड मानते है या नहीं? अब तो यह स्पष्ट हो जाना चाहिये.
त्रिवेदी ने भाजपा से पूछा है कि शहीद नंद कुमार पटेल शहीद विद्याचरण शुक्ल शहीद महेंद्र कर्मा शहीद दिनेश पटेल शहीद योगेंद्र शर्मा शहीद अभिषेक गोलछा शहीद गोपी माधवानी सहित 29 लोगों की जानें चली गई, लेकिन तब भाजपा को वह खेल खतरनाक क्यों नहीं लगा था? जगत प्रकाश नड्डा के काफिले पर एक पत्थर चलने की कथित घटना को लेकर पूरी केंद्र सरकार से लेकर केंद्रीय गृह सचिव तक सक्रिय हो गए. यह भाजपा का दोहरा चरित्र है. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन के शिलान्यास के समय लोकतंत्र की महिमा गाई गई. मोदी और भाजपा के दोहरे आचरण के परिपेक्ष्य में मोदी द्वारा लोकतंत्र का महिमा का गान सिर्फ एक ढोंग दिखावा और आडंबर के अलावा और कुछ भी नहीं है.