बिलासपुर – छत्तीसगढ़ में अवैध शराब की बिक्री पर कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसते हुए आरोप लगाया है कि सत्ता के शह में ही अवैध शराब का धंधा फल फूल रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता शैलेेष पांडेय ने एक विज्ञप्ति जारी कर विधानसभा में सरकार द्वारा पेश आंकड़ों को आधार मानते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं.हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री के मामलों पर सरकार की ओर से ये जवाब दिया गया था.

शैलेष ने कहा कि सरकार द्वारा पेश पिछले एक साल के आंकड़ें को देखने के बाद तो यही लगता है कि अवैध शराब बिक्री का धंधा सरकार के संरक्षण पर चल रहा है. पिछले एक साथ में सरकार ने 11212 अवैध शराब बिक्री के प्रकरण रिकार्ड में दर्ज किये हैं, ना जाने कितने बिना रिकार्ड में दर्ज अभी भी संचालित हैं. अवैध शराब परिवहन के 882 प्रकरण दर्ज किया गया है, वही 7175 तो शराब खोरी के प्रकरण बनाये गए हैं.उन्होंने कहा कि सरकार शराबबंदी के लिए शराब बेचने की कमान अपने हाथ में लेने की बात करती है, यहाँ तो सरकार शराब की बढ़ावा देती दिखाई दे रही है.

शैलेष ने आबकारी मंत्री पर तंज कसते हुुए कहा कि इस विभाग के मंत्री अपने ही जिले में अवैध शराब की बिक्री पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. पिछले एक साल में बिलासपुर में 1236 अवैध शराब के प्रकरण बनाये गए हैं, जबकि रायपुर में 1405, जांजगीर में 1080 और महासमुंद में 1073 प्रकरण दर्ज है. मंत्री का गृह जिला अवैध शराब बिक्री में प्रदेश में दूसरे नंबर पर है, तो दूसरे जिलों का तो भगवान् भरोसे ही है.

शैलेष पांडेय ने कहा है कि राज्य सरकार ने चखना सेंटरों, शराब खोरी और अवैध रूप से बिकने वाले और साथ ही बड़े छोटे कोचियों को समाप्त करने के लिए देशी व अंग्रेजी शराब दुकान की कमान अपने हाथ में लिया है, लेकिन उनकी यह कमान ढीली पड़ रही है.सरकार अभी तक चखना दुकान, अवैध शराब की बिक्री और ना ही शराब कोचिये पर अंकुश लगा पाई है.रोजाना खरपतवार की तरह नए-नए शराब कोचिये पैदा होते जा रहे हैं. पूरे प्रदेश में खुलेआम अवैध शराब की बिक्री हो रही है,फिर भी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. शैलेष ने सवाल उठाया कि जब सरकार ही शराब बेच रही है तो अवैध शराब की बिक्री कैसे हो रही है, क्या सरकार के लोग ही अवैध शराब की बिक्री करा रहे हैं .

शैलेष ने कहा कि आबकारी व पुलिस विभाग की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है.उन्होंने कहा कि क्या शासन सरकारी शराब दुकान के अधिक मुनाफा को देखकर अवैध शराब बेचने से लेकर शराब कोचियों को खुली छूट दे रखी है या फिर सरकार, आबकारी और पुलिस की सांठगांठ से इस अवैध कारोबार को खुला संरक्षण दे रखा है.|