बिलासपुर- कांग्रेस नेता शैलेष पाण्डेय एकबार फिर मंत्री अमर अग्रवाल पर निशाना साधते दिखाई दे रहे हैं | मंत्री के नाम पर पोते जा रहे शहर के दीवारों पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले 20 साल से बिलासपुर की नेतृत्व का जिम्मा संभाल रहे मंत्री अमर अग्रवाल को अब फिर चुनावी साल में शहरवासियों का भईया बनने का याद आ रहा है | विकास से विनाश की ओर जाते शहर की दुर्दशा के जिम्मेदार मंत्री पहले भईया का मतलब समझ ले, फिर जगह-जगह भईया लिखकर जिंदाबाद कराते रहे |
उन्होंने कहा कि जन-जन के भैय्या बनने वाले अमर अग्रवाल ने शहर के लिए काम तो कुछ किया नहीं, बल्कि उल्टा उन्हें चलने के लिए गड्ढे ओर धूल से भरी सड़कें दे दी, सीवरेज प्रोजेक्ट लाकर लोगों को दमा, खांसी जैसे न जाने कइयों बीमारी परोस दिए | शहर का विकास तो दूर जैसे पहले हरा-भरा साफ़ सुथरा बिलासपुर हुआ करता था, उतना ही हो जाए, तो भईया कहलाने लायक हो जाएंगे |
सालों से प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री के पद पर आसीन है, लेकिन 10 सालों में खुद के शहर में गोकुलधाम को तो ठीक से बसा नहीं सके, ट्रांसपोर्ट नगर करोड़ों फूंकने के बाद भी आबाद न हो सका | शहर के तालाब अपनी अस्तित्व खो चुके हैं, जिस अरपा में पानी रहता था, आज वह अरपा पानी के लिए तरस रहा है |
मंत्री जी का शहर का दायरा आज भी चार चौक में ही सिमटा हुआ है | विकास कि बात करें तो 8 सालों से बिना मास्टर प्लान का डेवलपमेंट किया जा रहा है, बगैर प्लानिंग सड़क, नाली बनाई जाती है, फिर चंद महीनों में ही खोद दिए जाते हैं |  ड्रेनेज सिस्टम ध्वस्त हो चूका है, बरसात शुरू होते ही गली मोहल्ले पानी से लबालब हो जाती है |
शहर के लोग इन्हीं कामों के लिए हर साल हजारों रुपये का टैक्स नहीं भरते हैं, जनता से पैसे लेकर उन्हें चलने के लिए उधड़ी हुई सड़कें दी जा रही है, सकरी सड़कों में लोग हर रोज घंटों जाम में फंसे रहते हैं | जनता के पैसों से जनता को ही सुविधा नहीं मिल पा रही है, तो काहे का भईया कहला रहे हैं | उन्होंने कहा कि इस चुनावी साल में लोगों के ऊपर “भईया” का जादू नहीं चलने वाला है |