जांजगीर-चांपा. जिले के ग्राम पंचायत डुमरपारा के सरपंच का एक और कारनामा सामने आया है. सरपंच सचिव पर गांव के मीडिल स्कूल में साइकल स्टैंड बनाने के नाम पर 2 लाख रुपये डकारने का आरोप है. मामले की शिकायत गांव के पंच सहित ग्रामीणों ने एसडीएम से की है. ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी मामले में ध्यान नहीं दे रहे हैं. पहले ही सरपंच द्वारा पंचायत की राशि में करीब 11 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आ चुका है. लेकिन हैरत की बात ये है कि जांच के 6 महीने बाद भी सरपंच पर न तो कोई कार्रवाई हुई है, ना ही उसका वित्तीय अधिकार हटाया गया है. जिसके चलते सरपंच सचिव के हौसले बुलंद हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि मामले में आज तक ना तो एसडीएम की ओर से कोई एक्शन लिया गया है ना ही पंचायत के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की है. यहां तक कि सरपंच के वित्तीय अधिकार तक को नहीं हटाया गया है. जिसके कारण पिछले 6 महीने से सरपंच द्वारा लगातार पंचायत की राशि का आहरण किया जा रहा है. वहीं शिकायतकर्ता का कहना है कि भ्रष्ट सरपंच पर अधिकारी मेहरबान हैं. इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई ना होना अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर रहा है.

पंचायत सचिव का बयान

मामले में पंचायत सचिव खुद स्वीकार कर रहे हैं कि बना निर्माण के राशि का आहरण किया गया है. उनका कहना है कि पंचायत के खाते में से 2 लाख 3 हजार रुपये का आहरण साइकल स्टैंड बनाने के नाम से किया गया है. लेकिन साइकल स्टैंड अभी तक नही बना है.

6 महीनें सौंपा जा चुका है जांच प्रतिवेदन

सक्ती ब्लॉक के ग्राम पंचायत डुमरपारा के पंच और ग्रामीणों ने मिलकर करीब 6 महीने पहले गांव के सरपंच सचिव के खिलाफ पंचायत की 15वें वित्त की राशि में अनियमितता किए जाने के संबंध में सक्ती एसडीएम से शिकायत की थी. जिसके बाद सक्ती एसडीएम ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नायाब तहसीलदार को जांच का जिम्मा सौंपा था. नायाब तहसीलदार ने टीम बनाकर शिकायत पर जांच की. जिसमें सरपंच सचिव के द्वारा 15वें वित्त की राशि में करीब 10 लाख 83 हजार की गड़बड़ी पाई गई थी. जांच अधिकारी ने करीब 6 महीने पहले जनवरी में जांच प्रतिवेदन बनाकर एसडीएम को प्रेषित कर दिया था. जिसमें सरपंच सचिव के द्वारा की गई अनियमितताओं का उल्लेख है.

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