Shakuni Mama Mandir: भारत में लाखों मंदिर हैं. जहाँ कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. महाभारत का नाम सुनते ही हमें मामा शकुनि की कहानियां याद आने लगती हैं. कैसे उसने छल करके पांडवों को जुए में हरा दिया और फिर पांडवों को वनवास भोगना पड़ा.
अब अगर कोई आपसे कहे कि ऐसे धोखेबाज मामा का मंदिर भी है तो आपको हैरानी जरूर होगी, क्योंकि शकुनि मामा का नाम सुनकर ही लोग क्रोधित हो जाते हैं तो उनकी पूजा कैसे हो सकती है? ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है. यह मामा शकुनि का मंदिर है. तो आइए जानते हैं इस मंदिर का निर्माण कैसे हुआ और यह कहां स्थित है.
इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद जब लाखों लोग मारे गए तो मामा शकुनि को पश्चाताप हुआ. उन्हें लगा कि यह एक आपदा है. युद्ध से न केवल राज्य को क्षति पहुंची बल्कि लाखों निर्दोष लोगों की जान भी चली गई. इसलिए पश्चाताप करने के लिए, मामा शकुनि अपना सांसारिक जीवन त्याग देते हैं और एक संन्यासी का जीवन जीने लगते हैं और एक लंबी यात्रा पर निकल पड़ते हैं.
इस यात्रा के दौरान वह केरल के कोल्लम पहुंचते हैं और वहां भगवान शिव की कठोर तपस्या करते हैं. भगवान शिव उसकी तपस्या से प्रसन्न हुए. इसके बाद उसी स्थान पर मामा शकुनि का मंदिर बनवाया गया. इस मंदिर का नाम म्याम्कोट्टू मालंचेरुवु मालनाड है. इसके अलावा जिस पत्थर पर बैठकर उन्होंने तपस्या की थी. यहां उनकी पूजा भी की जाती है और वर्तमान में इस स्थान को पवित्रेश्वर भी कहा जाता है.
आपको बता दें कि इस मंदिर में देवी शकुनि के अलावा देवी माता, किरातमूर्ति और नागराज की भी पूजा की जाती है. इतना ही नहीं, इस स्थान पर हर साल मलकुडा महालसावम उत्सव का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं और मामा शकुनि की पूजा करते हैं. यह भी माना जाता है कि जब कौरव पांडवों की खोज में यहां आए थे, तो उन्होंने अपने चाचा शकुनि को कोल्लम के बारे में बताया था.
यहां कैसे पहुंच सकते हैं (Shakuni Mama Mandir)
यह तिरुवनंतपुरम से लगभग 65 किमी दूर है. कोट्टाराक्कारा तालुका से पवित्रेश्वरम तक पहुंचने की दूरी लगभग 16 किमी है.
- बस द्वारा: केरल के प्रमुख शहरों से कोट्टाराक्कारा के लिए कई बसें हैं. वहां से निजी वाहन की व्यवस्था करना बेहतर है.
- रेल मार्ग: मुनरोथुरुट्टू रेलवे स्टेशन (30 किमी) कोट्टाराक्कारा पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है.
- वायुमार्ग: तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है.
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