आकिब खान, हटा (दमोह) मध्य प्रदेश के दमोह जिले के हटा में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरे सामने आई हैं। जहां दलित युवक का शव घर ले जाने के लिए परिजनों को शव वाहन नही मिला और मजबूरी में परिजनो को हाथ ठेले पर शव रखकर ले जाना पड़ा। जानकारी के अनुसार हटा नगर के चण्डी जी वार्ड निवासी कमलेश अहिरवार पिता मोहन अहिरवार उम्र 40 वर्ष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। म्रतक गुरुवार की सुबह धनुषधारी मंदिर के समीप बेसुध अवस्था मे पड़ा मिला था। 

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परिजनों को सूचना मिलने के बाद वह मौके पर पहुचे और उसे सिविल अस्पताल हटा लेकर पहुंचे। जहां ड्यूटी  के दौरान तैनात डॉक्टरो ने मृत घोषित कर दिया। वहीं हटा पुलिस को घटना कि सूचना मिलने पर मौके पर पहुची पुलिस ने शव पंचनामा कार्रवाई उपरांत शव का पीएम कराकर शव परिजनों को सौप दिया। वहीं  मामले की जांच करने में पुलिस जुट गई है। 

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बता दें कि मृतक के परिजनों की माली हालत खराब होने के कारण शव हाथ ठेले पर रखकर वह घर ले गए। यह नजारा हर किसी ने देखा लेकिन किसी ने मदद करने की जहमत नही उठाई। हटा सिविल अस्पताल से हाथ ठेले पर शव घर ले जाते यह पहला मामला नही है। इसके पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। इसके बाबजूद भी सिविल अस्पताल में शव वाहन की व्यवस्था नही कराई जा रही है। बता दें कि शासन की योजना है कि किसी भी व्यक्ति का शव भेजने का काम अस्पताल प्रबन्धन का होता है। पर प्रशासन पूरे मामले में शव वाहन की कमी का रोना रो रहा है। हटा सिविल अस्पताल में सिस्टम को शर्मसार कर देने वाली  तस्वीरे आए दिन सामने आती रहती है।

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