कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बनाने वाले सौतेले पिता को उम्र कैद की सजा से दंडित किया गया है। खास बात यह है कि सुनवाई के दौरान आरोपी की पत्नी और उसकी सौतेली बेटी ने बाद में अपने पिता के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। बावजूद इसके कोर्ट ने एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट को पर्याप्त सबूत मानते हुए 30 साल के सौतेले पिता को उम्र कैद की सजा दी है।

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कलयुगी पिता ने न्यायालय में कहा कि यह उसका पहला अपराध है। इसलिए सजा में उसे रियायत दी जाए। लेकिन कोर्ट ने कहा कि जिस घर में बेटियां ही सुरक्षित नहीं है और रक्षक की भक्षक बन जाएं। तो ऐसे में आरोपी के खिलाफ नरमी बरती जाना उचित नहीं है। इसलिए कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास के साथ ही 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। जिस समय सौतेले पिता ने बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाया था तब उसकी उम्र केवल साढे़ आठ साल थी।

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दरअसल ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के अंतर्गत 4 मई 2022 को घर में अकेली नाबालिग को उसके सौतेले पिता ने अपनी हवस का शिकार बना लिया था। लड़की की मां सरकारी अस्पताल में कार्यरत है। सरकारी अधिवक्ता आशीष राठौर ने बताया कि बेटी और उसकी मां ने कोर्ट में बताया था कि उनका आपस का झगड़ा था लेकिन पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया था। अभियोजन ने इस बात को नहीं माना। नाबालिग के कपड़ों पर मिले वीर्य और मानव शुक्राणु पाए गए थे। डीएनए रिपोर्ट भी पॉजीटिव आई थी। इसे कोर्ट ने पुख्ता सबूत माना था।

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