Shani Dosh: विचार मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति है. यही विचार हमारे उत्थान और पतन के कारण बनते है. विचार ही व्यक्ति को संसारी और मुक्त बनाते है. व्यक्ति के विचार उसके मार्ग का निर्धारण करते है. अन्न शरीर का और शब्द मन का भोजन है. आज जिस प्रकार से खानपान, व्यवहार, व्यापार धर्म के क्षेत्र में बदलाव आ रहा है यह विचारों का ही परिणाम है. नकारात्मक सोच से व्यक्ति चिड़चिड़ा, परेशान और बेचैन रहता है जबकि सकारात्मक विचारों से व्यक्ति के जीवन में धैर्य, शांति, निराकुलता, सम्मान और सुख बना रहता है.
धैर्यवान व्यक्ति ही संसार में श्रेष्ठ पदों पर आसीन होता है. सकारात्मक सोच इसका मूल कारण है. प्रतिकूल परिस्थिति में व्यक्ति की सोच की परीक्षा होती है कि वह कितना सकारात्मक रह पाता है. मनुष्य जीव अपने जीवन में व्याप्त बुराइयों का त्याग करें. व्यसन जीवन की सबसे बड़ी बुराई है. खासकर युवा इस बुराई में पड़कर स्वयं अपने शरीर व परिवार को समाप्त कर रहे है. मस्तिष्क की कुछ कोशिकाओं से डोपामीन हॉर्मोन के रूप में कुछ रासायनिक संदेश भी निकलते हैं. यही वह चीज है जो और ज्यादा ड्रग्स लेने के लिए प्रेरित करता है. समय के साथ साथ यही डोपामीन का स्राव दिमाग में ऐसी उत्कट इच्छा पैदा करता है, जो कि कई बार नशा छोड़ने की कोशिश कर रहे लोगों को दुबारा अपनी चपेट में ले लेता है.
ब्रेन सर्किट्स में कई नशीले पदार्थ ऐसे असर करते हैं कि सांसें धीमी चलने लगती हैं और उनींदापन सा महसूस होता है. बार बार नशा करने से दिमाग के यह सर्किट इस तरह के ढल जाते हैं कि ड्रग्स लेते समय इंसान काफी सामान्य महसूस करने लगता है. उस हाल में ऐसा होता है कि जब वो इंसान नशा नहीं करता है तो वह चिड़चिड़ा और परेशान सा हो जाता है – जहां से विड्रॉवल के लक्षणों की शुरुआत होती है. इससे लोगों का खुद पर से नियंत्रण धीरे धीरे कम होने लगता है.
नशा कोई भी हो शराब, गुटखा, तम्बाकू या अन्य मादक पदार्थ. यह सारे नशे सेहत के लिए और क्वालिटी लाइफ जीने के लिए हानिकारक होते हैं. अक्सर इस नशे की लत के कारण घरों में लड़ाई झगडे होते हैं. कभी कभी तो घर और रिश्ते भी टूट जाते हैं. यदि नशे को ज्योतिषीय प्रकरण में देखा जाए तो यदि शनि जैसे क्रूर ग्रह राहु जैसे ग्रहों से आक्रांत ग्रहों के साथ या दृष्ट हो तो जातक नशे की चपेट में आ सकता है. यदि शनि तीसरे या एकादश स्थान का स्वामी हो अथवा इस स्थान पर होकर राहु या केतु जैसे ग्रहों से दृष्ट हो तो इन ग्रह दशाओं में नशे की लत लग सकती है. अतः यदि आप इस नशे की लत से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो यह तरीके अपनाए.
शनि भगवान को खुश करना चाहता है तो शनिवार के दिन भूल कर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए, अगर किसी पर शनि की अशुभ दशा चल रही है तो वह इस बात का विशेष ध्यान रखें.
शनिवार के दिन शनि पूजा करने से व महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शनि के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है जिससे जीवन सुखमय हो जाता है.
कहते हैं शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए घर के किसी अंधेरे कोने में कटोरी में सरसों का तेल भरके उसमें तांबें का एक सिक्का डालना चाहिए, ऐसा करने से शनि के बुरे प्रभाव का अंत हो जाता है.
शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करना चाहिए और पीपल के पेड़ पर जल या दूध चढ़ाना चाहिए. इसी के साथ शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं क्योंकि ऐसा करने से शनि प्रसन्न होते हैं.
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें इससे आपको लाभ होगा.
अगर आप शनिवार को काला तिल और गुड़ चीटों को खिलाते हैं तो आपसे शनिदेव प्रसन्न हो जाएंगे.
अगर आप शनिवार के दिन चमड़े के जूते चप्पल दान कर लेंगे तो शनि शांत हेाने से नशे से दूर रहा जा सकता है.
अगर आप शनिवार के दिन गाय की सेवा करेंगे तो भी आपको लाभ होगा.
कहते हैं शनिवार को अपने खाने का कुछ भाग निकाल कर कौवों के लिए निकाल देने से लाभ होता है.
कहा जाता है शनिवार के दिन काली उड़द, तेल, काला कंबल, काला कपड़ा या फिर लोहे की चीजें ब्राहमण को दान में देनी चाहिए.
ध्यान रखे कि शनिवार के दिन व्रत भी रखें और एक समय भोजन करें और दूध और जूस का सेवन करें.
कहते हैं शनिवार के दिन जितना हो सके काले रंग के कपड़े पहनें इससे लाभ होगा.