Shani Pradosh Vrat 2025: शनि प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह तिथि शनि के दुष्प्रभाव, विशेषकर साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत पाने के लिए एक अद्वितीय अवसर है. विद्वानों का मानना है कि यह संयोग बार-बार नहीं मिलता और ऐसे समय में श्रद्धापूर्वक पूजन करने से शनि कृपा प्राप्त होती है.

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Shani Pradosh Vrat 2025
Shani Pradosh Vrat 2025

विशेष मुहूर्त (Shani Pradosh Vrat 2025)

त्रयोदशी तिथि 4 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 9 मिनट पर प्रारंभ होकर 5 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी. शनि प्रदोष पूजा का विशेष मुहूर्त 4 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 3 मिनट से रात 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

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इन राशियों पर असर (Shani Pradosh Vrat 2025)

ग्रह-नक्षत्रों की चाल के अनुसार शनि वर्तमान में मीन राशि में गोचर कर रहा है. इसका सीधा असर कई राशियों पर दिखाई देगा. मेष राशि पर साढ़ेसाती का आरंभ, मीन राशि पर इसका दूसरा चरण और कुंभ राशि पर अंतिम चरण सक्रिय है. वहीं सिंह और धनु राशि के जातक ढैय्या का प्रभाव झेल रहे हैं. इन जातकों के जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक संघर्ष और निर्णय क्षमता की परीक्षा जैसे परिणाम सामने आ सकते हैं.

सरल उपाय (Shani Pradosh Vrat 2025)

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि प्रदोष के दिन कुछ सरल उपाय करके इन चुनौतियों को कम किया जा सकता है. शनि और शिव की आराधना, पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपदान, काले तिल व गुड़ का दान तथा शनिदेव के विशेष मंत्रों का जाप अत्यंत प्रभावी माना गया है. इसलिए जिन जातकों पर साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव है, उनके लिए यह प्रदोष व्रत जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को शांति में बदलने का स्वर्णिम अवसर साबित हो सकता है.

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