उत्तराखंड में चारधाम शीतकालीन यात्रा पूर्ण कर दो दिवसीय प्रवास पर 24, 25 दिसम्बर को काशी पधार रहे हैं. ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामि अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज के काशी आगमन पर संत और भक्तगण पुष्पवर्षा और जयघोष के साथ उनका स्वागत-वंदन करेंगे.

मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि शीतकाल में बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भी भगवान बद्रीविशाल, भगवान केदारनाथ का पूजन बंद नहीं होता. बस स्थान परिवर्तित हो जाता है. शीतकाल में चारधाम यात्रा से और ज्यादा पुण्यलाभ होता है. इसी बात को समस्त सनातनियों को बताने और दर्शन, पूजन के लिए शंकराचार्य ने पिछले साल से शीतकालीन यात्रा प्रारम्भ की है.

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शंकराचार्य की इस यात्रा से लोगों को शीतकालीन चारधाम यात्रा के दर्शन पूजन से होने वाले पुण्य की जानकारी तो मिल ही रही है, साथ ही उत्तराखंड सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो रही है. शंकराचार्य के काशी आगमन पर श्रीविद्यामठ में वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य उनके चरण पादुका का पूजन भी करेंगे. महाराजश्री के प्रवास के दौरान विविध धार्मिक और मांगलिक अनुष्ठान संपन्न होंगे.