रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को दुर्ग के जुनवानी में शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के 750 बिस्तरों वाले शंकराचार्य अस्पताल के लोकार्पण कार्यक्रम में कहा कि मैंने अभी अस्पताल में मौजूद बुनियादी अधोसंरचना देखी, यहां के चिकित्सकों से मिला, यहां उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली. लोगों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह अस्पताल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और दुर्ग-भिलाई के नागरिकों के लिए काफी उपयोगी होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना शासन की पहली प्राथमिकता है. हम लगातार अस्पतालों को अपग्रेड करने का कार्य कर रहे हैं. राज्य के अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी अधोसंरचना के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज हमारे साथ जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज मौजूद हैं. हम लोग सुराजी गांव की संकल्पना पर काम कर रहे हैं. नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना पर काम कर रहे हैं. जगद्गुरु ने इस पर प्रसन्नता जाहिर की है. उनका आशीर्वाद मिलने से हमारा हौसला और बढ़ा है. जनसेवा के लिए हम लोग संकल्पित हैं.
अस्पताल का लोकार्पण जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के हाथों हुआ. महाराज ने इस अस्पताल को प्रबंधन की बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दृष्टिकोण से अस्पताल बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि इस संस्थान में चिकित्सा शिक्षा के लिए भी कार्य हो रहा है। यह बहुत अच्छा कार्य है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में निरोगी काया का बहुत महत्व है. इस दिशा में कार्य होता है तो ये बहुत अच्छी बात है.
इस अवसर पर मौजूद गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी अस्पताल के लोकार्पण के अवसर पर प्रबंधन, समस्त स्टाफ और दुर्ग-भिलाई के नागरिकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अस्पताल के आरंभ होने से क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा और मजबूत हो जाएगा. इस मौके पर उन्होंने मानस की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना बड़ी सेवा है.
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि शंकराचार्य अस्पताल के लोकार्पण से जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हुआ ही है पूरे प्रदेश में भी इससे स्वास्थ्यगत ढांचा मजबूत हुआ है. यह सर्वसुविधायुक्त अस्पताल है. इससे नागरिकों को उचित सुविधा उपलब्ध होगी.
निजी सचिव शंकराचार्य सुबोधानंद ने भी अपना उद्बोधन दिया. इस मौके पर भिलाई विधायक देवेंद्र यादव भी उपस्थित थे. कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन संस्थान के प्रमुख आईपी मिश्रा ने किया.
मैत्रेयी-याज्ञवल्क्य संवाद के माध्यम से बताया सेवा का मर्म- जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने मैत्रेयी याज्ञवल्क्य संवाद के माध्यम से सेवा का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि संन्यास के लिए जाते वक्त याज्ञवल्क्य ने मैत्रेयी से सुख का मर्म बताया. उन्होंने कहा, आत्मनस्तु कामाय सर्व प्रियम भवतु. सबमें अपनी आत्मा के दर्शन करो तो तुम्हें सुख मिलेगा. यह सेवा का भाव हमें वेदों से मिलता है. रनती देव की कहानी के द्वारा उन्होंने त्याग के भाव के संबंध में बताया.
सात सौ 50 बिस्तरों के इस अस्पताल में 144 बिस्तरों का आईसीयू ,8 मॉड्यूलर आपरेशन थियेटर ,कार्डियोलॉजी एवं कैथ लैब(स्टेंट की सुविधा भी) ,कुल 22 विभाग और 6 सुपर स्पेशयलिटी सर्विसेज उपलब्ध हैं. अस्पताल में इलाज हेतु आयुष्मान भारत योजना और स्मार्ट कार्ड के उपयोग की सुविधा भी उपलब्ध है.