नितिन नामदेव, रायपुर। हर हिंदू सेना हो, हर हिंदू सनातनी हो. हिंदुओं को तलवार-तीर चलाना सीखना चाहिए. अपनी स्वयं की रक्षा के लिए जरूरी है. सनातन की रक्षा के लिए एक घंटा, एक रुपए दान करें, ताकि गरीबी के चलते कोई सनातनी धर्म परिवर्तन न करे. यह बात पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने प्राकट्य महोत्सव के दौरान कही.

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने महोत्सव में बड़ी संख्या में जुटे भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि ईसा और मूसा के पूर्वज भी वैदिक सनातनी है. चंदन और अबीर का तिलक लगाकर तीन परिवार की सनातन धर्म में वापसी हुई है. तीनों परिवार ने ईसाई धर्म अपनाया था. उन 3 परिवारों के 10 सदस्यों की आज सनातन हिंदू धर्म में वापसी हुई है.

शंकराचार्य ने कहा कि धर्मांतरण के कुचक्र से आज छत्तीसगढ़ प्रताड़ित है. लेकिन शंकराचार्य के आगमन से आज ये स्थिति बदल रही है. ईसाई धर्म अपनाने वाले आज वापस हिंदू सनातनी धर्म में वापस आए, ये बड़ा अभियान है, इससे और आगे बढ़ाना होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं राजनेता नहीं हूं. साथ ही राजनेताओं से कहा कि पहले राजनीति की परिभाषा तय करो. उन्होंने नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि आदिवासियों और धर्म के नाम पर राजनीति बंद करो.

पुरी पीठाधीश्वर ने कहा कि धर्म के नाम पर धर्म नहीं, अर्थ के नाम पर अर्थ नहीं, काम के नाम पर काम नहीं है. वहीं राजनेताओं से कहा कि हमे आपके साथ की अपेक्षा नहीं है. हमें जैसा भारत बनाना है, हम बनाकर ही रहेंगे. सनातन शास्त्रों का अध्ययन करके ही विश्व का विकास होगा.