नितिन नामदेव, रायपुर। हमारा भारत देश हिंदू राष्ट्र ही है. घोषणा हो, चाहे ना हो. 140 करोड़ में हम 100 करोड़ हिंदू हैं. इस देश में बहुमत के आधार पर निर्णय होता है. बहुमत को आपने आधार बनाया है. लोकतंत्र में तो यह बात भी बहुमत पर ही होगी. यह बात पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज ने हिन्दू राष्ट्र को लेकर कही.

देश में मुसलमान के रहने के बयान पर कहा द्वारका शारदापीठाधीश्वर ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि दूसरा कोई यह रह नहीं सकता है. यहां इस देश में दूसरा कोई नहीं रह सकता ऐसा नहीं है, क्योंकि देश संविधान से चल रहा है. और संविधान सबको रहने की अनुमति देता है, इसलिए वह रहते हैं.

पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज के प्रथम नगर आगमन पर भव्य स्वागत किया गया.

रामराज्य की कल्पना से ही हिन्दू राष्ट्र की बात

बागेश्वर धाम द्वारा हिंदू राष्ट्र करने कि मांग को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि यह बातें बहुत दिनों से हो रही है. हिंदू राष्ट्र की बात कोई नई बात नहीं है. बहुत पुरानी बात है. वास्तव में हिंदुओं में राम राज्य होना चाहिए. रामराज्य की कल्पना को उद्देश्य करके ही हिंदू राष्ट्र की बात की जा रही है. सभी लोग आपस में प्रेम भाव से रह करके जिस देश के निर्माण में, देश की संस्कृति के निर्माण में, संस्कारों के निर्माण में सहयोग करते हैं, उसे राम राज्य कहते हैं.

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