नई दिल्ली. द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि एसटी-एससी कानून भारतीय समाज के विघटन का कारण बनेगा. उन्होंने कहा अच्छे और बुले लोग तो सभी जातियों में होते हैं. ऐसे में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कानून एक खतरनाक हथियार साबित होगा. जिसमें मात्र कहने की वजह से जेल हो जाए. यह अनुचित है. इस कानून की वजह से लोगों में एक दूसरे के प्रति घृणा बढ़ेगी. शंकराचार्य ने कहा कि हम चाहते हैं कि दलित वर्ग का कल्याण हो, उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो. लेकिन इस कानून की वजह से समाज में भेद होगा और देश पीछे चला जाएगा.

पीएम मोदी और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पर साधा निशाना

शंकराचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी समेत पूर्व प्रधानमत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर निशाना साधा. इसके साथ उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं सहित भारतीय जनता पार्टी और उनके नेतृत्व की सरकार के इस कार्य को हिन्दू विरोधी करार दिया.

उन्होंने कहा कि इस कानून से समाज में वर्ग के बीच दूरी बढ़ेगी और इससे नुकसान होगा. बता दें कि शंकराचार्य स्वरूपानंद इस समय वृन्दावन में अटल्ली चुंगी स्थित उड़िया आश्रम में चातुर्मास प्रवास पर हैं.

पूरे देश में हो रहा विरोध

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार की ओर से संसद में दोबारा पास किए गए इस कानून का विरोध हिन्दू सवर्ण समाज जोरों से कर रहा है. मोदी सरकार के इस फैसले के विरोध के लिए 6 सितंबर को भारत बंद भी बुलाया गया था. जिसमें सवर्ण समाज के लोग सड़क पर उतरे और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की. सवर्ण समाज का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुना दिया था तो सरकार ने दोबारा वहीं कानून संसद में क्यों लाई. क्या सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत था या फिर सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है.