Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Attack On Mohan Bhagwat: ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा है। भागवत की नसीहत पर भड़के शंकराचार्य ने कहा कि जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे। अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं। उन्होंने आरएसएस प्रमुख पर राजनीतिक सुविधा के अनुसार बयान देने का भी आरोप लगाया।
दरअसल 20 दिसंबर को पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के दौरान RSS प्रमुख ने मंदिर-मस्जिद के नए विवाद पर नाराजगी जाहिर की थी। इसी पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोहन भागवत पर निशाना साधा है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अतीत में हिंदू समाज के साथ बहुत अत्याचर हुआ है और हिंदुओं के धर्मस्थलों को तहस नहस किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर अब हिंदू समाज अपने मंदिरों का पुनरूद्धार कर उन्हें फिर संरक्षित करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करते हुए रविवार को उन पर राजनीतिक सुविधा के अनुसार बयान देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें सत्ता प्राप्त करनी थी, तब वह मंदिर-मंदिर करते थे अब सत्ता मिल गई तो मंदिर नहीं ढूंढ़ने की नसीहत दे रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की निंदा
ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य ने एक बार फिर से बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की निंदा करते हुए सरकार से आवश्यक कदम उठाने की बात कही। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। वहीं सरकार कुछ नहीं कर रही है। भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को उनके देश भेज देना चाहिए।
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हिंदू समाज के गौरव स्थापित करने की मांग
वहीं शंकराचार्य ने पूर्व में आक्रांताओं द्वारा कथित रूप से तोड़े गए मंदिरों की सूची बनाकर उनका पुरातत्व सर्वेक्षण किए जाने तथा हिंदू समाज के गौरव को फिर से स्थापित किए जाने की भी मांग की। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अतीत में हिंदू समाज के साथ बहुत अत्याचर हुआ है और हिंदुओं के धर्मस्थलों को तहस नहस किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर अब हिंदू समाज अपने मंदिरों का पुनरूद्धार कर उन्हें फिर संरक्षित करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है?
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जानिए क्या कहा था आरएसएस चीफ ने
अयोध्या राम मंदिर (Shree Ram Janmabhoomi Mandir)-बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विवाद खत्म होने के बाद देश में इन दिनों फिर से मंदिर-मस्जिद को लेकर नए विवाद (Mandir-Masjid Controversy) सामने आ रहे हैं। इसे लेकर अब RSS चीफ मोहन भागवत ने विरोध किया था। पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के दौरान RSS प्रमुख ने कहा कि हर दिन नए-नए मुद्दे उठाए जा रहे हैं, और यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है। भागवत ने उदाहरण देते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Janmabhoomi Mandir) निर्माण के बाद कुछ लोग नई जगहों पर इसी तरह के विवाद उठाकर हिंदू समुदाय (Hindu Community) के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस प्रकार के विवादों को रोकने की आवश्यकता जताई और कहा कि यह रणनीति देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।
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