नितिन नामदेव, रायपुर। मोदी जी, योगी जी, हेमंत बिश्वा सरमा, मोहन भागवत मुझे दबाने के लिए देश-विदेश में आतंकवादी को शंकराचार्य बनाकर घुमा रहे हैं. इनको कौन दंड दे. दरोगा के शह पर चोर बढ़े, तो कौन रोकेगा. इनके भी दंडित होने का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए. मुझे एक लाख इंद्र भी दबोचना चाहे दबोच नहीं सकते हैं. इन्हें शंकराचार्य वह चाहिए, जो यस मैन हो. यह संभव नहीं है. इसे भी पढ़ें : 10वीं-12वीं के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ : पुनर्मूल्यांकन के रिजल्ट पर उठ रहे सवाल, माशिमं ने 100 से ज्यादा शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए भेजा प्रस्ताव

यह बात राजधानी में रावाभाटा स्थित शंकराचार्य आश्रम में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पत्रकारों से उदाहरण स्वरूप कही, जिसमें उनसे प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सवाल किया गया था. उन्होंने कहा कि अपराधियों को सत्ता और विपक्ष संरक्षण देना बंद कर दे तो अपराध होना स्वयं कम हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि देश में चुनाव की प्रक्रिया के आधार पर दुष्कर्म जैसे अपराध को रोकना मुश्किल है. कोई भी व्यक्ति विधायक सांसद तब बन पता है. जब अराजक तत्वों का गठबंधन हो. इसके साथ ही उन्होंने दुष्कर्म के आरोपियों को सजा देने सवाल पर कहा कि ऐसे लोगों को दुर्योधन और दु:शासन की तरह सजा मिलने की बात कही.

तिरुपति लड्डू विवाद पर शंकराचार्च ने कहा कि सत्ता लोलुपता की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है. अराजक तत्वों का सभी क्षेत्रों में प्रवेश हो चुका है. धार्मिक क्षेत्रों में भी उनका प्रवेश हो चुका है. यह हिंदू धर्म को विलुप्त करने की कोशिश है. अपवित्र सामान का मिलावट हो रहा है. आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल को शासन तंत्र ने अपने हाथ में ले लिया है, जिसके चलते इनकी दिशाहीन हो गई है. देवी-देवताओं के मंदिर में उलंघन हो रहा है. दिशाहीन व्यापारियों का धार्मिक स्थल में प्रवेश हो चुका है.

किसी कथावाचक पर बोलना ठीक नहीं

कथावाचक प्रदीप मिश्रा का दुष्कर्मियों को जला देने वाले बयान पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हाथी से हल नहीं जुतवाया जाता है. मेरे से उस पर मत कहवाइए. शंकराचार्य किसी कथावाचक पर बोले ये ठीक नहीं लगता है. जो कथा करवा रहे हैं, उन्हें विचार करना चाहिए.

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