संजीव शर्मा, कोंडागांव। प्रयास छोटा ही सही सार्थक होना चाहिए. इस बात को साबित करते हुए कोंडागांव के युवाओं ने सालों से अपनी टूटी-फूटी झोपड़ी में धूप-बारिश सह रही बेसहारा बुजर्ग महिला के लिए दो कमरों का टाइल्स लगा पक्का मकान तैयार कर दिया. यही नहीं बाकायदा पूजा-पाठ कर गृह प्रवेश कराया. युवाओं के इस छोटे से प्रयास ने वृद्ध मालती की आंखों में खुशी के आंसू ला दिए.

वृद्ध महिला के जीवन में खुशी के पल लाने वाले कोंडागॉंव शहर की शांति फाउंडेशन के युवा छोटू, गौरव, पंकज, धनुष, मुकेश बताते हैं कि उन्होंने देखा कि एक टूटी झोपड़ी में रह रही एक बेसहारा बुज़ुर्ग महिला किस हाल में सालों से बारिश और धूप सह रही थी. दीवारें जर्जर थी, तो छत के नाम पर ऊपर ऊपर प्लास्टिक की थैलियां डली हुई थी.

शांति फाउंडेशन के युवाओं ने दिव्यांग खेम सिंह यादव को परिवार चलाने में हो रही मुश्किल को देखते हुए पैसे एकत्रित कर जूते-चप्पलों की दुकान भी खोल दी है, जिससे अब उसके परिवार का भरण-पोषण होने लगा है.

महिला की तकलीफ को समझते हुए युवाओं ने महिला के सिर पर बारिश से पहले पक्का छत देने का संकल्प लिया और काम में जुट गए. देखते-देखते एक नहीं दो कमरों का टाइल्स लगा मकान तैयार कर दिया. इसके बाद बाकायदा पूजा-पाठ कर करवाया महिला मालती का गृहप्रवेश कराया. महिला की अब न बारिश की चिंता ना नौतपे का डर. संस्था के इस प्रयास की हर कोई सराहना कर रहा है.

संस्था के युवाओं ने कहा महिला को घर बना कर दे पाने में सफल होने की खुशी हम बयां नहीं कर सकते है. हम सभी युवा मध्यम वर्ग परिवार से है. घर बनाने में कोई मजदूर नहीं लगाया, खुद ही जुट गए थे. निर्माण में कुछ लोगों ने आर्थिक मदद भी उनका भी युवाओं ने आभार माना है.