भारत में आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान की पोल खोलने भारत सरकार अब अपने सांसदों के डेलिगेशन को दुनिया भर के देशों में भेजने का काम करने जा रहा है। अपने इस कदम के जरिये भारत पूरी दुनिया को आतंकवाद पर अपने रुख से वाकिफ कराएगा। इस काम के लिए सरकार ने 30 से अधिक सदस्यों वाले 7 डेलिगेशन का चयन किया है जोकि 32 देशों में जाकर भारत का आतंकवाद के खिलाफ पक्ष रखेंगे।

ये डेलिगेशन अगले हफ्ते से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं, उन्होंने संजय राउत को एक तरह से आड़े हाथों लेते हुए स्थानीय राजनीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से नहीं जोड़ने की सलाह दी। दरअसल, संजय राउत ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए बीते दिन सर्वदलीय डेलिगेशन की तुलना ‘बारात’ से की थी।

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शरद पवार की संजय राउत को सलाह

शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए बीते दिन डेलिगेशन की तुलना ‘बारात’ से की थी। संजय राउत ने एक दिन पहले विभिन्न देशों में डेलिगेशन भेजने के केंद्र के कदम का बहिष्कार करने का आह्वान किया था। पवार ने याद दिलाया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव द्वारा बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र में भेजे गए डेलिगेशन के सदस्य थे। पवार ने कहा, ‘‘जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दे सामने आते हैं तो पार्टी स्तर की राजनीति नहीं करनी चाहिए। आज केंद्र ने कुछ डेलिगेशन गठित किए हैं और उन्हें कुछ देशों में जाकर पहलगाम हमले पर भारत के रुख और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से की गई गतिविधियों के बारे में जानकारी देने का काम सौंपा गया है।’’

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‘लोकल पॉलिटिक्स को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से न जोड़ें’

राउत ने रविवार को कहा था कि विपक्षी गुट I.N.D.I. अलायंस के घटक दलों को विभिन्न देशों में सर्वदलीय डेलिगेशन भेजने के केंद्र सरकार के कदम का बहिष्कार करना चाहिए। राउत ने दावा किया कि वे सरकार के ‘‘पापों और अपराधों’’ का बचाव करेंगे। पवार ने कहा कि राउत को अपनी राय रखने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उनकी पार्टी (शिवसेना-UBT) का एक सदस्य प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है। मुझे लगता है कि लोकल स्तर की पॉलिटिक्स को इस मुद्दे में नहीं लाया जाना चाहिए।’’

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सुप्रिया सुले, प्रियंका चतुर्वेदी हैं डेलिगेशन का हिस्सा

बता दें कि एक ऑल पार्टी डेलीगेशन बनाया गया है, जो कश्मीर, आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखेगा। डेलीगेशन के लोग एक-एक लीडर के नेतृत्व में अलग-अलग देशों में जाएंगे। ये लोग अमेरिका, ब्रिटेन, यूनाइडेट अरब अमीरात, साउथ अफ्रीका और जापान समेत कुछ अन्य देशों में जाकर भारत का पक्ष रखेंगे। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू कोऑर्डिनेशन का काम कर रहे हैं। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ऐसे एक डेलिगेशन का हिस्सा हैं जिसमें उनके साथ शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी हैं।

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