Sharad Purnima 2025: आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाली शरद पूर्णिमा इस बार विशेष संयोग लेकर आ रही है. पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में यह पर्व 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर की सुबह 06:18 बजे से प्रारंभ होकर 7 अक्टूबर की सुबह 04:53 बजे तक रहेगी. उदया तिथि 6 अक्टूबर को होने से पर्व इसी दिन मनाया जाएगा.

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Sharad Purnima 2025
Sharad Purnima 2025

शुभ मुहूर्त में चंद्र दर्शन

शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ उदित होकर अमृत की वर्षा करता है. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का शुभ समय रात्रि 08:30 बजे से लेकर प्रातःकाल तक रहेगा. विशेषकर रात 11:30 बजे से 12:30 बजे का समय चंद्र पूजन व दर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस अवसर पर घर-घर में खीर बनाकर चांदनी में रखी जाती है और अगले दिन इसका प्रसाद ग्रहण किया जाता है.

मां लक्ष्मी का आगमन (Sharad Purnima 2025)

धार्मिक मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी स्वयं धरती पर भ्रमण करती हैं और जागरण करने वाले भक्तों को धन और वैभव का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. इस कारण जगह-जगह जागरण, भजन-कीर्तन और धार्मिक आयोजन होते हैं. श्रद्धालु रात्रि भर जागकर भक्ति संगीत में लीन रहते हैं.

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औषधीय महत्व भी मान्यता

आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात जब खीर को खुली चांदनी में रखा जाता है, तब चंद्र किरणों से उसमें औषधीय गुण समाहित हो जाते हैं. इस प्रसाद को खाने से स्वास्थ्य लाभ और रोगनाश की मान्यता है.

लोक आस्था और विशेष परंपराएं (Sharad Purnima 2025)

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने इसी दिन ब्रज में गोपियों के साथ महारास रचाया था. इस वजह से यह पर्व भक्ति, प्रेम और संगीत का प्रतीक भी माना जाता है. उत्तर भारत में खीर खाने और लक्ष्मी पूजन की विशेष परंपरा देखने को मिलती है. शहर से लेकर गांवों तक श्रद्धालुओं में उल्लास है और तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.

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