मां दुर्ग की चार नवरात्रों में एक शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2022) की शुरुआत हो चुकी है. अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी आज से शक्ति उपासना के महापर्व की शुभारंभ हो गया है. नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में घट स्थापना की जाएगी. साथ ही अखंड ज्योत भी प्रज्ज्वलित की जाएगी. आज सूर्योदय से लेकर पूरे दिन भक्त कलश स्थापना कर सकेंगे. इस बार नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2022) पूरी 9 दिनों की होगी. यानी इस बार कोई भी तिथि नहीं घट रही है. इसलिए ये पर्व पूरे नौ दिनों का रहेगा. वहीं इस बार माता हाथी पर सवार होकर आई हैं. आइए जानते हैं मां की इन सवारियों का क्या अर्थ होता है ?
साधारणत: हम यही जानते हैं कि माता शेर की सवारी करती हैं. लेकिन नवरात्रि में मां की सवारी बदलती हैं, जिनका अपना महत्व और प्रभाव है. इसमें एक संदेश होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माता का आगमन और निर्गमन किस सवारी से हो रहा है इसका कालचक्र पर खास प्रभाव पड़ता है. आइए जानते हैं कि भगवती किस दिन किस सवारी से धरती पर पधारती हैं.
नवरात्रि में नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. चारो ओर लोग शक्ति की भक्ति में लीन रहते हैं. इन 9 दिनों में मां अलग-अलग सवारी से पृथ्वी पर पधारती हैं. नवरात्र में मां दुर्गा की सवारी को लेकर तिथि के हिसाब से अलग-अलग सवारी है. देवी भागवत के अनुसार-
शशि सूर्य गजारूढ़ा, शनि भौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां, बुधे नौका प्रकीर्तिता।
इसका अर्थ ये होता है कि यदि नवरात्रि रविवार या सोमवार से आरंभ हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को घोड़े पर, गुरुवार और शुक्रवार को डोली में और बुधवार को नाव में सवार होकर आती हैं.
किस सवारी का क्या अर्थ होता है ?
हाथी- हाथी को शुभ माना गया है. ऐसे में मां का आगमन इस बार हाथी पर हुआ है, यानी आने वाला यह साल बहुत ही शुभ होगा. लोगों के बिगड़े काम बनेंगे. माता रानी की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी. व्रत रखने वालों को इस साल विशेष लाभ होगा. धन-धान्य में वृद्धि होगी. हाथी से मां का आगमन साधकों के लिए अत्यंत शुभकारी है.
नाव- मां दुर्गा जब नाव पर सवार होकर आती हैं तो इसका संकेत बारिश और अच्छी फसल से है. मां दुर्गा का नाव पर आने का अर्थ है कि वह लक्ष्य हासिल करने में आपकी मदद करेंगी.
घोड़ा- भगवती जब घोड़े पर सवार होती हैं तो ये शुभ नहीं माना जाता है. इसका मतलब होता है दो देशों के बीच युद्ध, या संसार में बड़ा परिवर्तन आने वाला है. अशांति फैलने वाली है.
पालकी (डोली)- शास्त्रों के अनुसार पालकी पर मां दुर्गा का धरती पर आगमन होना महामारी के प्रकोप का संकेत देता है. नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार से शुरू हो तो मां पालकी में आती हैं. इस वाहन पर मां दुर्गा का आगमन या प्रस्थान इस बात का संकेतक है कि मनुष्य एक-दूसरे की मदद नहीं करेंगे.
हालांकि इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और नाव में बैठकर वापस जाएंगी. जो कि मंगलकारी है.
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