रेणु अग्रवाल, धार/ राजगढ़। मां शक्ति की आराधना के पर्व नवरात्रि में हर कोई माता की भक्ति में लीन है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। ऐसा ही श्रद्धा और अटूट विश्वास का नजारा देखने मिला है राजगढ़ में जहां एक शख्स 2551 कीलों पर लेटकर साधना कर रहे रहे हैं।

देश में शांति के लिए कर रहे आराधना
अमोदीया गांव में छोटा ऊंचा कोटड़ा धाम स्थित चंडी चामुंडा माता मंदिर में भक्त दयाराम कटारा, अन्न और जल ग्रहण किए बिना 2551 लोहे की कील पर लेटकर माता की आराधना कर रहें है।  जिसके बाद अनोखा भक्त पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दयाराम की इस साधना को देखने के लिए दूर-दूर से लोग मंदिर पहुंच रहे है। उनका कहना है कि देश में शांति बनी रहे, इसकी कामना के लिए वह माता की भक्ति कर रहे हैं।

माता पर अटूट विश्वास, इसलिए यह आराधना
दयाराम कटारा नवरात्रि के पहले दिन से ही निराहार रहकर माता की आराधना कर रहे हैं। लोहे की करीब 2551 कील से बने बिस्तर पर लेटकर और अपने पेट पर ज्वार बोए हुए ज्योति कलश प्रज्वलित कर माता की साधना कर रहे, जो नवरात्रि के अंतिम दिन समाप्त होगी। वह सुबह और शाम को केवल 2-2 घूंट पानी पीकर निराहार रहकर यह कठोर साधना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि माता के प्रति उनका अटूट विश्वास है, इसलिए वे इस बार नवरात्रि में यह कठोर आराधना कर रहे हैं।

देश में शांति के लिए कर रहे आराधना
मंदिर के पुजारी बालकदास बैरागी ने बताया कि भक्त दयाराम कटारा की यह नव दिवसीय साधना है। जिसमें उन्होंने अन्न-जल का त्याग किया है। भक्त दयाराम की साधना का मुख्य उद्देश्य भारत देश में शांति बनी रहे। विश्व में कई स्थानों पर युद्ध हो रहे हैं। लेकिन हमारे देश में शांति रहे और क्षेत्र के लोगों पर मातारानी का आशीर्वाद बना रहे।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m