यत्नेश सेन.देपालपुर। मध्यप्रदेश में शारदीय नवरात्र को लेकर माता के भक्तो में उमंग और उत्साह है। सुबह से लेकर रात तक देवी स्थलों पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। वहीं रात के समय गरबों की धूम देखने को मिल रही है। देपालपुर में भी युवतियां एक से बढ़कर एक गरबों की प्रस्तुतियां देकर माता की आराधना में डूबी हुई है। जहां बच्चे, महिलाएं और युवतियां गुजराती गरबा, डांडिया नृत्य के साथ ही फ्लैट गरबे की मनमोहक प्रस्तुतियां दे रही है। देपालपुर के बेहद प्राचीन देवी माता मंदिर पर नवरात्रि में सालो से प्रतिदिन सार्वजानिक रूप से नि:शुल्क गरबा होता है। जिसमे बड़ी संख्या में युवतियां पारंपरिक रूप से गरबा करती है।
बता दें कि देपालपुर के हजारों वर्ष पुराने प्रसिद्ध और चमत्कारिक मां महिषासुर मर्दनी देवी माता के मंदिर से जुड़ी कई रोचक कहानियां हैं। मंदिर के पुजारी शंकर पूरी गोस्वामी की माने इस हजारों साल पुराने मंदिर में माताजी को नवमी के दिन प्याला पिलाया जाता है। वहीं सैकड़ों साल पहले एक तत्कालीन तहसीलदार ने माता के इस चमत्कार को झूठ बताते हुए मंदिर की जगह पर खुदाई करवाने ठानी। इसके बाद माता जी ने उन्हे स्वप्न दिया था। जिसके बाद वे माता की शक्ति से प्रभावित हुए और दोबारा इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
गौरतलब है माता का यह दरबार श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र हे। जहां 12 महीने माता भक्त दूर दर्ज के इलाकों से दर्शन के लिए पहुंचते है और खासकर नवरात्र में यहां दिव्य माहौल दिखाई देता हैं। माता के दरबार का अद्भुत नजारा तब और भी खास हो जाता है, जब महिलाएं यहां पहुंचकर गरबा कर माता को प्रसन्न करती है। यहां महिलाएं एकत्रित होकर माताजी के मंदिर में ही ढूची नृत्य गरबा करती हुई नजर आती है। जिससे श्रद्धा और भक्ति का नजारा और भी दिव्या दिखाई देता है।
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