Shardiya Navratri 2025: सनातन परंपरा में नवरात्र का समय अत्यंत पावन माना जाता है. सालभर में चार बार नवरात्र आते हैं दो गुप्त नवरात्र, चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र. इनमें शारदीय नवरात्र का महत्त्व सबसे अधिक है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक चलने वाले ये नौ दिन पूरी तरह मां दुर्गा की उपासना को समर्पित होते हैं.

मान्यता है कि इस अवधि में श्रद्धा और भक्ति भाव से व्रत, पूजा और साधना करने से मां दुर्गा भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह समय अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है. खास बात यह है कि नवरात्र में अगर घर में कुछ विशेष पौधे लगाए जाएं, तो देवी मां प्रसन्न होती हैं और परिवार पर धन, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वर्षा होती है.
तुलसी का पौधा: हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पूजनीय स्थान प्राप्त है. मान्यता है कि इसमें मां लक्ष्मी का निवास होता है. नवरात्र के दौरान घर में तुलसी लगाने से मां लक्ष्मी और मां दुर्गा दोनों की कृपा बनी रहती है. इससे परिवार पर धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर का वातावरण सकारात्मकता से भर जाता है.

शंखपुष्पी का पौधा: शास्त्रों के अनुसार शंखपुष्पी का पौधा शांति और समृद्धि का प्रतीक है. नवरात्र में इसे घर में रोपने से पारिवारिक संबंधों में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है. मानसिक तनाव कम होता है और मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

केले का पौधा: केले के पौधे को भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है. नवरात्र में अगर इसे घर के आंगन या आंगन के पास लगाया जाए तो श्रीहरि विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. ऐसा करने से दरिद्रता दूर होती है और परिवार में कभी धन की कमी नहीं रहती.

हरसिंगार का पौधा: हरसिंगार अपने सुंदर फूलों और दिव्य सुगंध के लिए प्रसिद्ध है. धार्मिक मान्यता है कि नवरात्र के दौरान इस पौधे को लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है. इसे मां लक्ष्मी का प्रिय पौधा भी माना जाता है, इसलिए इसके रोपण से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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