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Share Market Investment Tips : 28 फरवरी की गिरावट ने निवेशकों को हिलाकर रख दिया है. सेंसेक्स 1414 अंक (1.90%) गिरकर 73,198 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 420 अंक (1.86%) गिरकर 22,124 पर बंद हुआ. अक्टूबर 2024 से निफ्टी हर महीने लाल निशान में बंद हुआ है. 5 महीने में इसमें 12% की गिरावट आई है. 1996 के बाद यह पहला मौका है जब बाजार में लगातार पांच महीने गिरावट आई है. इससे पहले 1996 में जुलाई से नवंबर के बीच लगातार 5 महीने बाजार में गिरावट आई थी. इन 5 महीनों में निफ्टी 50 इंडेक्स में 26% की गिरावट आई थी.
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पिछले 5 महीनों में निवेशकों की संपत्ति में कितनी कमी आई है? 30 सितंबर 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 474 लाख करोड़ रुपये था, जो 28 फरवरी को गिरकर 384 लाख करोड़ रुपये रह गया. यानी 5 महीने में निवेशकों की दौलत 90 लाख करोड़ रुपये घट गई है.
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Share Market Investment Tips : शेयर बाजार में लगातार गिरावट की क्या वजहें हैं?
विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने सिर्फ पांच महीने (अक्टूबर 2024-फरवरी 2025) में भारतीय बाजार से 3.11 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए. सितंबर और दिसंबर तिमाही में कंपनियों के कमजोर नतीजों की वजह से निवेशकों ने यह बिकवाली की है. इसके अलावा चीनी अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदों ने निवेशकों को आकर्षित किया. निवेशकों को चीनी कंपनियों के शेयर भारतीय कंपनियों के शेयरों से सस्ते नजर आ रहे हैं.
महंगाई अभी भी बड़ी चिंता का कारण
खाद्य पदार्थों के महंगे होने की वजह से अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.21% हो गई. यह 14 महीने में महंगाई का सबसे ऊंचा स्तर था. हालांकि, खाद्य वस्तुओं के सस्ते होने से जनवरी 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 5 महीने के निचले स्तर 4.31% पर आ गई. यह कमी निवेशकों का भरोसा बहाल करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
अर्थव्यवस्था की वृद्धि की धीमी गति
हाल के महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो 4 साल का सबसे निचला स्तर है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 8.2% थी. वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 6.7% थी. दूसरी तिमाही में यह संख्या गिरकर 5.4% रह गई. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण वृद्धि धीमी रही.
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डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों से निवेशक चिंतित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत अन्य देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की धमकी के कारण बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है. ट्रंप ने पिछले दिनों कहा था, ‘हम पारस्परिक टैरिफ लगाएंगे. चाहे कोई भी देश हो – भारत हो या चीन, हम उतना ही टैरिफ लगाएंगे जितना वे हमसे लगाएंगे. हम व्यापार में समानता चाहते हैं. कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ 4 मार्च से लागू होने जा रहा है.
मंदी में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एसेट मैनेजमेंट फर्म फर्स्ट ग्लोबल की एमडी देविना मेहरा कहती हैं – अमेरिका से लेकर यूरोप तक हुए अकादमिक अध्ययन बताते हैं कि जब भी लोग बाजार में निवेश करने को लेकर घबराए या चिंतित हुए, बाजार ने औसत से ज्यादा रिटर्न दिया है. यानी जब भी आपको लगे कि आपको शेयर बेच देना चाहिए, एसआईपी बंद कर देना चाहिए और बाजार से निकल जाना चाहिए, वह समय बाजार में निवेश करने का सबसे अच्छा समय होता है.
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