Share Market Investment Tips: शेयर बाजार में निवेश से रिटर्न की संभावना जितनी अधिक होगी, जोखिम भी उतना ही अधिक होगा. ऐसे में सफल पोर्टफोलियो बनाने के लिए जोखिम प्रबंधन को समझना जरूरी है. इससे नुकसान की संभावना कम हो जाती है. निवेश का सफर सुचारू रूप से चलता है.

मोटे तौर पर जोखिम दो तरह के होते हैं- व्यवस्थित और अव्यवस्थित. व्यवस्थित जोखिम हर किसी को प्रभावित करता है. यह मंदी, भू-राजनीतिक घटनाक्रम, बाजार में गिरावट, महंगाई और प्राकृतिक आपदाओं जैसे कारणों से होता है.

अव्यवस्थित जोखिम व्यक्तिगत निवेश या क्षेत्र के अनुसार होता है. पोर्टफोलियो विविधीकरण के जरिए इसे कम किया जा सकता है. जोखिम प्रबंधन के लिए यहां 6 रणनीतियां दी गई हैं, जिन्हें हर निवेशक को जानना चाहिए…

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Share Market Investment Tips
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Diversification यानी एक साथ नहीं, अलग-अलग इनवेस्टमेंट (Share Market Investment Tips)

अलग-अलग निवेश करें. यह जोखिम प्रबंधन की मुख्य रणनीति है. अपनी जोखिम लेने की क्षमता, वित्तीय लक्ष्य और तय अवधि के आधार पर शेयर, बॉन्ड, रियल एस्टेट, सोना और चांदी जैसे अलग-अलग परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करें.

फायदा: विविधीकरण किसी एक परिसंपत्ति वर्ग के कमजोर प्रदर्शन के प्रभाव को कम करता है. अगर शेयर बाजार में गिरावट आती है तो सोने-चांदी या रियल एस्टेट में तेजी से इसकी भरपाई की जा सकती है.

किसी भी ट्रेड पर कुल निवेश के 2% से ज़्यादा नुकसान न होने दें

इस नियम के अनुसार, किसी एक स्टॉक पर होने वाला नुकसान कुल ट्रेडिंग कैपिटल के 2% से ज़्यादा न होने दें. अगर आपने 10,000 रुपये निवेश किए हैं तो 2% नियम यह सुनिश्चित करेगा कि आप सिर्फ़ 200 रुपये (10,000 का 2%) का नुकसान उठाएँगे.

फ़ायदा: इससे नुकसान को कम से कम रखने में मदद मिलती है. आप किसी भी तरह के भावनात्मक या मानसिक प्रभाव से बच सकते हैं.

3-5-7 नियम, नुकसान ट्रेडिंग कैपिटल के 7% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए

3-5-7 नियम एक सरल जोखिम प्रबंधन रणनीति है जो प्रत्येक व्यक्तिगत ट्रेड पर जोखिम को सीमित करता है. 3% वह जोखिम है जो आप अपनी ट्रेडिंग कैपिटल पर उठाते हैं. सभी ट्रेड में कुल जोखिम को 5% तक सीमित रखें. पोर्टफोलियो का अधिकतम नुकसान ट्रेडिंग कैपिटल के 7% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.

लाभ: यह नियम जोखिम-इनाम को संतुलित करने में मदद करता है, रिटर्न के साथ-साथ सुरक्षा जाल भी प्रदान करता है.

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हेजिंग… शेयर की गिरती कीमतों से बचने के लिए पुट ऑप्शन लें

निवेश में संभावित नुकसान की भरपाई के लिए ऑप्शन या फ्यूचर जैसे साधनों का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर आपके पास शेयर हैं, तो आप गिरती कीमतों से बचने के लिए पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं. आप अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश भी वितरित कर सकते हैं.

लाभ: हेजिंग निवेश जोखिम को कम करता है. प्रतिकूल बाजार स्थितियों के कारण संभावित नुकसान से बचा जाता है.

स्टॉप-लॉस (Share Market Investment Tips)

स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ऐसी विधि है जिसमें आप किसी शेयर को एक निश्चित कीमत पर पहुंचने के बाद उसे बेचने के लिए रख देते हैं.

लाभ: यह संभावित नुकसान को सीमित करने और निवेश की सुरक्षा करने में मदद करता है.

आपातकालीन निधि बनाएं (Share Market Investment Tips)

अपनी निवेश राशि के अलावा, अन्य आवश्यक खर्चों के लिए एक आपातकालीन निधि रखें.

लाभ: आपातकालीन निधि होने से आप अपने निवेश को नुकसान में बेचने से बच सकते हैं.

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