Share Market Crash News: कोरोना के बढ़ते मामलों और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के दोहरे डर ने आज शेयर बाजार में कोहराम मचा दिया. पिछले चार दिनों में सेंसेक्स 1961 अंक टूट चुका है. आज यह करीब 1000 अंक टूटकर बंद हुआ है. इन चार दिनों में बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कुल 14.86 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई है.
इससे बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 272.53 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है. शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 980.93 अंकों की गिरावट के साथ 59,845.29 पर बंद हुआ था. वहीं, एनएसई का निफ्टी 320.55 अंकों की गिरावट के साथ 17,806.80 पर बंद हुआ.
इन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स में आज टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एसबीआई और बजाज फिनसर्व में सबसे ज्यादा गिरावट रही. ये 3 से 5 फीसदी टूट गए थे. सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो निफ्टी पीएसयू बैंक 6 फीसदी से ज्यादा टूटा.
निफ्टी मीडिया 5 फीसदी गिरा. निफ्टी मेटल 4.47 फीसदी गिरा. वहीं, रियल्टी और ऑयल एंड गैस 3 फीसदी से ज्यादा टूटे. व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप-50 3.35 प्रतिशत गिर गया. वहीं, स्मॉलकैप-50 में 4.66 फीसदी की गिरावट आई है.
पीएसयू बैंकों में जबरदस्त गिरावट रही
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सरकारी बैंकों में बड़ी गिरावट देखने को मिली. बीएसई पर आज इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयरों में 10 फीसदी तक की गिरावट आई.
बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पीएनबी और पंजाब एंड सिंध बैंक भी 5 फीसदी से ज्यादा टूट गए. यस बैंक के शेयर बी की बात करें तो यह आज 7.92 फीसदी या 1.50 रुपये की गिरावट के साथ 17.45 पर बंद हुआ है.
ये हैं गिरावट के मुख्य कारण
चीन में बढ़ रहा है कोरोना
चीन में कोरोना की नई लहर ने निवेशकों को डरा दिया है. चीन में संक्रमण दर काफी बढ़ गई है. ब्लूमबर्ग ने हाल ही में बताया कि चीन में हर दिन एक लाख कोरोना मामले और 5,000 मौतें हो सकती हैं.
दूसरी ओर, एक अन्य अध्ययन के अनुसार, कोरोना की यह लहर चीन में दस लाख लोगों की जान ले सकती है. कोरोना की खबरों पर बाजार में निवेशकों की ओवररिएक्शन देखने को मिली है.
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट
अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. यूएस फेड द्वारा आक्रामक ब्याज दर में बढ़ोतरी की चिंताओं से गुरुवार रात अमेरिकी बाजारों में तेजी से गिरावट आई. डाउ जोंस 1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं नैस्डैक 2.18 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ था.
बढ़ती ब्याज दरों का डर
अमेरिका में फिर से ब्याज दरों में भारी बढ़ोतरी का माहौल बन गया है. तीसरी तिमाही के लिए कंज्यूमर कॉन्फिडेंस, बेरोजगारी और जीडीपी के अच्छे नंबरों ने चौंका दिया है, लेकिन इसका मतलब है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व के लिए ब्याज दरों में और बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है.
अमेरिका में तीसरी तिमाही में विकास दर 3.2 फीसदी रही. यह 2.9 फीसदी के अनुमान से ज्यादा है. बेरोजगारी का आंकड़ा 2,22,000 के अनुमान से कम बढ़कर 2,16,000 हो गया.
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