भारतीय शेयर बाजार में आज के दिन उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा, लेकिन इस अनिश्चित माहौल में Tanla Platforms Ltd के शेयरों में आज शानदार उछाल आया है. बाजार खुलते ही चंद मिनटों में यह शेयर 12 तक चढ़कर 701 रुपए पर पहुंच गया था. पिछला कारोबारी सत्र (11 जून) इस शेयर ने 622 रुपए पर समाप्त किया था. हालांकि इसके बाद से इसके शेयर प्राइज में उतार चढ़ाव जारी है. इस वक्त Tanla Platforms के शेयर 680 है.

क्यों दिख रही है इतनी जोरदार खरीदारी?
टैनला प्लेटफॉर्म्स की ओर से एक बड़ी घोषणा निवेशकों के उत्साह का कारण बनी है. कंपनी ने जानकारी दी है कि 16 जून 2025 (मंगलवार) को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की अहम बैठक होने वाली है. इस मीटिंग में शेयर बायबैक प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा.
क्या होता है शेयर बायबैक?
शेयर बायबैक का अर्थ है कि कंपनी खुद अपने ही शेयर मार्केट से खरीदने का निर्णय लेती है. इससे बाजार में उपलब्ध शेयरों की संख्या घटती है. शेयर की मांग बढ़ती है और स्वाभाविक रूप से कीमत में उछाल आता है.
निवेशक क्यों कर रहे हैं पहले से खरीदारी?
बायबैक प्रस्ताव में आमतौर पर शेयर की वर्तमान बाजार कीमत से अधिक कीमत पर खरीद की जाती है, इसलिए निवेशक इस मौके को भुनाने के लिए पहले से ही शेयर खरीद रहे हैं. उम्मीद है कि अगर बायबैक को मंजूरी मिलती है तो उन्हें सीधा मुनाफा होगा.
ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि बायबैक स्वीकृत होता है, तब भी शेयरधारकों पर अपने शेयर बेचने का कोई दबाव नहीं होगा. यह पूर्णतः स्वैच्छिक प्रक्रिया होती है.
बीते 5 सालों में तीसरी बार बायबैक की तैयारी
₹8459 करोड़ की मार्केट कैप वाली टैनला प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड इससे पहले 2020 और 2022 में भी बायबैक कर चुकी है. दोनों बार कंपनी ने ओपन मार्केट से शेयर खरीदकर उन्हें रिड्यूस किया था. अब तीसरी बार, 2025 में फिर वही रणनीति अपनाई जा रही है.
स्टॉक का रिटर्न ट्रैक रिकॉर्ड
अगर आज की तेजी से आप प्रभावित हैं, तो यह जानना जरूरी है कि टैनला का प्रदर्शन बीते कुछ समय में भी शानदार रहा है:
1 महीने में: 40% तक का रिटर्न
3 महीने में: लगभग 58% का उछाल
1 हफ्ते में: 10% तक की बढ़त
आखिर कंपनियां बायबैक क्यों करती हैं?
शेयर बायबैक की वजहें कई हो सकती हैं. जैसे-
अंडरवैल्यूड शेयर: जब कंपनी को लगता है कि उसके शेयर बाजार में उचित मूल्य पर नहीं ट्रेड कर रहे हैं, तो वह उन्हें वापस खरीदकर उनकी वैल्यू बढ़ाना चाहती है.
बढ़ा हुआ कैश रिजर्व: यदि कंपनी के पास एक्स्ट्रा नकदी है और तत्काल कोई निवेश योजना नहीं है, तो वह उसका इस्तेमाल बायबैक में करती है.
प्रमोटर्स की होल्डिंग मजबूत करना: बायबैक से शेयरों की संख्या घटती है, जिससे प्रमोटर्स की हिस्सेदारी में परोक्ष रूप से वृद्धि होती है.