Lalluram Desk. 18 वर्षीय पैरा तीरंदाज शीतल देवी ने शनिवार को इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कराया. उन्होंने पैरा वर्ल्ड तीरंदाजी चैंपियनशिप में व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, जो विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली आर्मलेस महिला बन गईं.

दक्षिण कोरिया में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय एथलीट ने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी ओजनूर क्योर गिरदी को फाइनल में हराकर 146-143 के स्कोर से जीत दर्ज की.

इस ऐतिहासिक जीत से देवी विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली दुनिया की दूसरी बिना हाथ की तीरंदाज बन गई हैं. पहले अमेरिकी पैरालंपिक तीरंदाज मैट स्टुट्ज़मैन थे, जिन्होंने दुबई में 2022 चैंपियनशिप में जीत हासिल की थी.

देवी की इस उल्लेखनीय उपलब्धि की व्यापक रूप से सराहना की जा रही है, दुनिया भर से बघाइयां दी जा रही है. इनमें भारतीय उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी शामिल थे, जिन्होंने एक भावुक पोस्ट में एथलीट की सराहना की.

“शीतल, तुम हमेशा मेरी नजर में विश्व चैंपियन थे. और दिल जीतने में विश्व चैंपियन. आपने मुझे जो तीर उपहार में दिया है, वह मेरे परिवार में एक क़ीमती विरासत बना रहेगा. यह हमेशा हमें आपकी तरह साहसी बनने के लिए प्रेरित करेगा.”

इससे पहले टूर्नामेंट में शीतल देवी ने सरिता के साथ मिलकर कंपाउंड महिला ओपन टीम स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया. भारतीय जोड़ी ने फाइनल में तुर्की के खिलाफ कड़ी टक्कर दी और स्वर्ण पदक से चूक गई.

बाद में तोमन ने कंपाउंड पुरुष वर्ग का खिताब अपने नाम किया, जब एक तकनीकी खराबी के कारण साथी भारतीय राकेश कुमार को अखिल भारतीय फाइनल में 40-20 से हारकर प्रतियोगिता से हटना पड़ा.

पेरिस पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता राकेश को अपने धनुष में पुली की समस्या के कारण चार शॉट के बाद ही प्रतियोगिता से हटना पड़ा, जिससे विश्व चैंपियनशिप में पदार्पण कर रहे तोमन ने चार सटीक तीरों के साथ खिताब अपने नाम कर लिया.