Sheetala Saptami and Ashtami 2025: हिंदू धर्म में शीतला सप्तमी के व्रत का बहुत महत्व होता है. हिंदू पंचांग के प्रथम माह चैत्र में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी का व्रत रखा जाता है. शीतला सप्तमी का पर्व इस वर्ष शुक्रवार, 21 मार्च 2025 को मनाया जाएगा. यह व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है. सप्तमी तिथि 21 मार्च को देर रात 2 बजकर 45 मिनट पर शुरू होकर 22 मार्च को सुबह 4 बजकर 23 मिनट तक रहेगी.

शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी का व्रत और पूजा स्वास्थ्य (आरोग्य) के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. यह व्रत विशेष रूप से माता शीतला को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है, जो रोगों, विशेष रूप से चेचक, खसरा और त्वचा संबंधी बीमारियों से रक्षा करने वाली देवी मानी जाती हैं.

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शीतला सप्तमी और अष्टमी व्रत का महत्व (Sheetala Saptami and Ashtami 2025)

माता शीतला की कृपा से संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है. माता की कृपा से बीमारी नहीं होती. इस दिन ताजा भोजन न बनाने और बासी भोजन ग्रहण करने की परंपरा शरीर को विश्राम देने और आंतरिक शुद्धि से जुड़ी मानी जाती है. शीतला माता का व्रत करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. विशेष रूप से छोटे बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए यह व्रत माता-पिता रखते हैं.

पूजा विधि (Sheetala Saptami and Ashtami 2025)

इस दिन प्रातः स्नान करके माता शीतला की प्रतिमा या चित्र की पूजा की जाती है. ठंडे (बासी) भोजन जैसे रोटी, चावल, मीठे पकवान आदि का भोग लगाया जाता है. इस दिन माता शीतला के नाम से कथा सुनी जाती है.

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