रायपुर। शिक्षाकर्मियों की 15 दिन तक चली हड़ताल से सबक लेते हुए सरकार ने नियुक्ति आदेश में एक ऐसी कंडिका जोड़ दी है. जिसके बाद शिक्षाकर्मी भविष्य में अपनी किसी भी मांग के लिए हड़ताल जैसे कदमों का कभी भी सहारा नहीं ले सकेंगे. दरअसल जशपुर में 298 पदों में शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति आदेश निकाला गया उसमें कहा गया है कि वे कभी भी हड़ताल पर नहीं जाएंगे. शिक्षाकर्मियों से इस संबंध में शपथ पत्र तक की मांग की गई है.
बताया जा रहा है कि शिक्षाकर्मियों की परीक्षा ली गई थी जिसकी अंतिम चयन सूची जारी कर जिला पंचायत ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भेजा जिसमें हड़ताल न करने की शर्त जोड़ी गई है. कंडिका 4 के अनुसार छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा ( आचरण) नियम 1998 के नियम 5 (दो) में प्रावधान अनुसार- “कोई भी पंचायत सेवर अपनी सेवा या किसी अन्य पंचायत सेवक की सेवा से संबंधित किसी मामले के संबंध में ना तो किसी तरह की हड़ताल का सहारा लेगा और ना ही किसी प्रकार से उसे अभिप्रेरित करेगा.”
शिक्षाकर्मियों को 11 बिंदुओं की शर्तों पर 10 रुपए के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र बीईओ कार्यालय में 25 दिसंबर तक जमा करना होगा.
आपको बता दें कि शिक्षाकर्मी 20 नवंबर से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे. 15 दिनों तक चली उनकी हड़ताल से प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरे तरह से ठप्प हो गई थी. इस दौरान शिक्षाकर्मियों की हड़ताल खत्म करने सरकार के द्वारा कई तरह की सख्ती भी की गई. जिसमें उनके तबादले से लेकर बर्खास्तगी और गिरफ्तारी तक की गई. यहा तक की उन्हें जेल में भी डाला गया. मामले को राजनीतिक तूल पकड़ता देख सरकार ने रातों रात हड़ताल खत्म करवा दी और शिक्षाकर्मियों की मांगों को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी कर दिया था.