रायपुर। मुख्यमंत्री द्वारा बजट हेतु आम राय मांगे जाने पर शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने अत्यंत रोचक ढंग से अपनी मांगों को छत्तीसगढ़ी भाषा मे कविता की पंक्तियों के माध्यम से प्रस्तुत किया है।

उल्लेखनीय है कि ये पहली बार हुआ है जब मुख्यमंत्री ने स्वयं आगामी बजट हेतु प्रदेश की जनता से राय मांगा है और इसके लिए एक ईमेल एड्रेस और व्हाट्सएप नम्बर भी जारी किया है, जिसमें जागरूक नागरिक लगातार अपने सुझाव प्रेषित कर रहे हैं।

इसी सिलसिले में प्रदेश का प्रमुख शिक्षक संगठन शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने भी शिक्षकों की लम्बित मांगो को रोचक ढंग से प्रदेश की राजभाषा छत्तीसगढ़ी में एक कविता के माध्यम से प्रदेश के समस्त शिक्षकों की ओर से लम्बित मांगो की पूर्ति हेतु गुहार लगाते हुए सुझाव प्रस्तुत किया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा द्वारा लिखा गया है.

प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने इस छत्तीसगढ़ी बजट सुझाव को अभिनव पहल बताते हुए कहा कि हमारी गुरतुर भाषा छत्तीसगढ़ी में कही गई हमारी मनुहार हमारे छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री जी के दिल को जरूर छुएगी और आगामी बजट में समस्त शिक्षक संवर्ग की लम्बित मांगो को पूर्ण करने हेतु प्रावधान करेंगे और प्रदेश की शिक्षा हेतु उत्तरोत्तर योजना बनाएंगे।

बजट सुझाव हेतु जारी छत्तीसगढ़ी में मांगपत्र:-

बजट में हमू शिक्षक मन देवत हन भागीदारी
हमरो गुहार के रखहु ध्यान त रहिबो आपके आभारी

सबसे पहिली हमर छत्तीसगढ़िया मुखिया ल करत हन जोहार
अउ छत्तीसगढ़ी के गुरतुर भाखा म करत हन गोहार

छग में शिक्षाकर्मी रहिके,गुरुजी के मान-सम्मान अउ अधिकार बर लड़त होंगे कतको बछर
निवेदन हावे अनुकम्पा दे देवव, दिवंगत साथी के परिवार ल हमर

2 साल में संविलियन दे के आपके हावय वादा
बांचे सब्बो संगवारी के कर दो संविलियन,नई हावय अब संख्या ज्यादा

प्रदेश के स्कूल मन में प्रधान पाठक पद मन हावय खाली
जल्दी कर देव प्रमोशन, अउ बाकि ल क्रमोन्नति बारी-बारी

शिक्षक मन के जम्मो विसंगति ल दूर करव अउ देवव सम्मान
हमू मन देवत हन भरोसा, छग के भविष्य ल देबो नवा उड़ान

शिक्षा में नम्बर 1 बनाबो, दिलाबो छग ल पहचान
गुरुजी ही देश अउ समाज गढथे, येला जाने हर चतुर सुजान

“जीत” के हावय भाखा, हर शिक्षक के आवाज
बजट म शिक्षक सम्मान और सुधार के कर देवव आगाज