रायपुर. छत्तीसगढ़ पंचायत व नगर निगम शिक्षक संघ ने 2 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के साथ-साथ 20 वर्षों से एक ही पद पर न्यूनतम वेतन में कार्य करने को मजबूर बहुसंख्यक शिक्षाकर्मियों के लिए क्रमोन्नति की घोषणा करने की मांग की है.

संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि क्रमोन्नति की घोषणा से शिक्षाकर्मियों के वेतन विसंगति को बहुत हद तक दूर किया जा सकता है. नियुक्ति से लेकर वर्षों से एक ही पद पर अपनी सेवाएं दे रहे बहुसंख्यक शिक्षाकर्मियों के वेतन विसंगति की समस्या का हल संविलियन के बाद भी नही निकल पाया है, जो आज भी जस का तस बरकरार है क्योंकि वेतन विसंगति का बीजारोपण 01 मई 2013 से दिए गए पुनरीक्षित वेतनमान में ही बोया जा चुका था, जिसमें शिक्षाकर्मी वर्ग 01 एवं 02 को 9300-34800 वेतनमान के साथ में 4300 व 4200 ग्रेड पे दिया गया जबकि वर्ग 03 को 5200-20200 वेतनमान के साथ में 2400 ग्रेड पे का निर्धारण किया गया था.

इससे संविलियन के बाद भी सातवें वेतनमान निर्धारण में पुनरीक्षित वेतन संरचना में वर्ग 01 का लेवल 09, वर्ग 02 का लेवल 08 में निर्धारण किया गया। 01मई 2013 से स्वीकृत किए गए पुनरीक्षित वेतनमान के निर्धारण में वर्ग 03 के लिए विसंगति युक्त किए गए वेतन निर्धारण की वजह से वर्ग 03 का लेवल 06 में निर्धारित किया गया. वर्गवार अनुपातिक तुलनात्मक आधार पर भी वर्ग 01 व 02 के वेतन में अंतर की तुलना में वर्ग 02 एवं वर्ग 03 के वेतन में अत्यधिक अंतर विद्यमान है, इसलिए आज भी वर्ग 03 के शिक्षाकर्मी अपने साथ हुए विसंगति युक्त वेतन निर्धारण के निराकरण के लिए संघर्षरत हैं.

शर्मा ने कांग्रेस के जन घोषणा-पत्र में 1998 से नियुक्त जिन शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति 2018 तक नही हो पाई है, उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान दिया जाएगा, का उल्लेख करते हुए कहा कि 01 जुलाई 2018 से संविलियन किये जाने के बाद भी ऐसे शिक्षाकर्मी हजारों की संख्या में हैं जिनको विभाग में नियुक्ति होने से लेकर 10-10, 20-20 वर्षों की सेवा अवधि पूर्ण करने एवं पदोन्नति के लिए समस्त योग्यता रहते भी इनको आज पर्यन्त तक न तो पदोन्नति मिल पाया है और न ही क्रमोन्नति अथवा उच्चतर वेतनमान, जिससे इन सभी को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस स्थिति में शिक्षाकर्मी नव गठित सरकार से जन घोषणा-पत्र में किये गए वादे को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं.