रायपुर।  शिक्षाकर्मी नेता वीरेन्द्र दुबे ने कहा है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी साथ मिलकर आंदोलन करेंगे.  दरअसल मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में अध्यापक संघर्ष समिति द्वारा आयोजित ‘विसंगति हटाओ शिक्षा बचाओ सम्मेलन’ का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल हुए छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी नेता वीरेन्द्र दुबे ने सरकार को यह चुनौती दी. इसके साथ ही दोनों प्रदेशों के शिक्षाकर्मियों ने साथ में आंदोलन करने का निर्णय लिया है. हालांकि छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के बाकी गुटों ने अभी तक इसमें अपनी सहमति नहीं दी है.

आयोजन में छत्तीसगढ़ से शिक्षाकर्मी नेता वीरेन्द्र दुबे को भी आमंत्रित किया गया था. वीरेन्द्र दुबे ने कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार को खुली चुनौती दी है. वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि “मध्य प्रदेश के लगभग 3 लाख अध्यापक एवं छत्तीसगढ़ के 2 लाख शिक्षकों का संविलियन किए बगैर दोनों राज्यों की भाजपा सरकारों का मिशन 2018 कभी सफल नही होगा”

उन्होंने कहा कि शिक्षाकर्मी व्यवस्था एवं शिक्षा व्यवस्था में विसंगति  का जन्म 1998 से ही अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही हुआ था. दोनों प्रदेश में अध्यापक एवं शिक्षकों की समस्या लगभग समान है, दोनों ही प्रदेशों में वेतन एवं सेवा शर्तों में विसंगतियां हैं. विसंगतियों को दूर करने के लिए अपने अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. आवश्यकता है अब संयुक्त रूप से अपनी समस्याओं को शासन तक पहुंचाने का.  उन्होंने कहा दोनों ही राज्यों के शासन को चाहिए कि यदि वे शिक्षा एवं शिक्षक के प्रति गंभीरता रखते हैं तो अध्यापकों एवं शिक्षकों का अविलंब उनके मूल विभाग शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए.

विरेन्द्र दुबे ने बताया कि दोनों ही प्रदेश के संगठनों ने फैसला लिया है कि आगामी समय मे दोनों प्रदेश के अध्यापक एवं शिक्षक संयुक्त मोर्चा बना कर एकजुटता के साथ शासन के खिलाफ अन्दोलन करेंगे. उन्होंने कहा शासन द्वारा अपने किये गए वादों को पूरा नही किया जाना दुर्भाग्यजनक है. शासन  को चाहिए कि अध्यापकों एवं शिक्षकों का संविलियन आदेश जारी करके अपने किये गए वादों को पूरा करे.