रायपुर.शिक्षाकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से सख्ती से निपटने के लिये राज्य शासन ने कमर कस ली है.आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एम.के.राउत ने मंत्रालय से दो आदेश जारी किये हैं.इन आदेश के जरिये स्कूलों में वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करने के साथ ही प्रोबेशन पीरियड में काम कर रहे और स्थानांतरित होकर आये शिक्षाकर्मियों को हड़ताल से दूर करने की कवायद की गई है.
जिला पंचायत और जनपद पंचायतों को भेजे गये पहले आदेश में कहा गया है कि ऐसे शिक्षक जो अभी प्रोबेशन पीरियड़ में हैं,उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर काम पर लौटने के निर्देश दिये जायें और यदि आंदोलनकारी प्रोबेशनर्स शिक्षक इस दौरान काम पर नहीं लौटते हैं,तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाये.इसी आदेश में दूसरे जिलों से स्थानांतरित होकर आये शिक्षाकर्मियों के बारे में भी जिक्र किया गया है.इनके बारे में कहा गया है कि ऐसे शिक्षक जो साल भर पहले स्थानांतरित होकर आये हैं और आंदोलन में शामिल हैं,तो ऐसे लोगों को भी नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर काम पर लौटने के निर्देश दिये जायें और ऐसा नहीं करने पर उनकी भी सेवाएं समाप्त कर दी जायें.
एक अन्य आदेश जारी कर एसीएस एम.के.राउत ने कहा है कि ग्राम पंचायतों के सरपंच गांव के 12 वीं पास युवाओं को स्वैच्छिक आधार पर अध्यापन करने के लिये आमंत्रित करे और हड़ताल के दौरान उनसे अध्यापन कार्य कराया जाये.साथ ही ऐसे युवाओं को संबंधित इलाके के जनपद पंचायत के सीईओ अनुभव प्रमाण पत्र जारी करें,जो भविष्य में ग्रामीण विकास विभाग में की जाने वाली भर्तियों के लिये अतिरिक्त योग्यता की अहर्ता मानी जायेगी.इसके अलावा इस आदेश में कहा गया है कि स्कूलों में मध्यान्ह भोजन वितरण का कार्य किसी तरह प्रभावित न हो,इसके लिये सरपंच वैकल्पिक व्यवस्था करें या किसी स्वसहायता समूह के माध्यम से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था करायें.इस आदेश में यह भी कहा गया है कि वैकल्पिक व्यवस्था में अगर किसी के द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है,तो उसके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई की जाये.