Shining Tools IPO Listing: लिस्टिंग का दिन किसी भी कंपनी के लिए उत्सव जैसा माना जाता है, लेकिन Shining Tools के लिए यह दिन एक अप्रिय कहानी बन गया. कार्बाइड कटिंग टूल्स बनाने वाली इस कंपनी के शेयर जब BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुए, तो पहले ही मिनट में निवेशक हैरान रह गए. IPO का इश्यू प्राइस ₹114 था, लेकिन लिस्टिंग ₹104 पर हुई. कुछ ही मिनटों में शेयर फिसलकर सीधे ₹98.80 के लोअर सर्किट पर पहुंच गया. यानी जिन निवेशकों ने लिस्टिंग गेन की उम्मीद से निवेश किया था, वे पहले ही दिन 13.33% नुकसान में आ गए.

यह संकेत था कि बाज़ार इस कंपनी को लेकर उतना उत्साहित नहीं है, जितना IPO सब्सक्रिप्शन के दौरान नजर आया था. IPO को कुल 1.15 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, लेकिन नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा आधा भी नहीं भरा. इसका मतलब यह है कि बड़े निवेशकों को कंपनी के बिजनेस मॉडल और वैल्यूएशन पर भरोसा नहीं दिखा.

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Shining Tools IPO Listing
Shining Tools IPO Listing

IPO में जुटाई गई राशि का उपयोग

Shining Tools ने कुल ₹17.10 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था. यह पूरा पैसा कंपनी की विस्तार योजनाओं पर खर्च होना है.

  • ₹9.07 करोड़ नए प्लांट और मशीनरी की खरीद पर
  • ₹3.85 करोड़ वर्किंग कैपिटल के लिए
  • बाकी राशि कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए

कंपनी तेजी से विस्तार करना चाहती है, लेकिन बाज़ार अभी इसकी क्षमता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिखा.

कंपनी क्या करती है? ‘Tixna’ ब्रांड की जानकारी

Shining Tools Industries की शुरुआत 2013 में हुई थी. कंपनी कार्बाइड कटिंग टूल्स बनाती है, जो इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. कंपनी ‘Tixna’ ब्रांड के तहत यह उत्पाद बनाती है:

  • एंड मिल्स
  • ड्रिल्स
  • रीमर्स
  • थ्रेड मिल्स

इन टूल्स का इस्तेमाल ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस और डिफेंस जैसे सेक्टर्स में होता है. कंपनी का राजकोट स्थित प्लांट उत्पादन का मुख्य केंद्र है, जहां टूल्स की रीकंडीशनिंग सर्विस भी दी जाती है.

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वित्तीय स्थिति: घाटे से मुनाफे तक का सफर (Shining Tools IPO)

पिछले तीन सालों में कंपनी के वित्तीय परिणाम बेहतर हुए हैं.

  • FY23: ₹8 लाख का घाटा
  • FY24: ₹1.58 करोड़ का मुनाफा
  • FY25: मुनाफा बढ़कर ₹2.93 करोड़
  • FY26 (अप्रैल–जुलाई 2025): चार महीनों में ₹1.47 करोड़ का मुनाफा

कंपनी की आय लगभग 18% CAGR की रफ्तार से बढ़ी है.
हालांकि, जून 2025 तक कंपनी पर ₹8.87 करोड़ का कर्ज भी है, जो इसकी वर्तमान साइज के मुकाबले बड़ा माना जा रहा है. रिजर्व सिर्फ ₹5.53 करोड़ हैं, इसलिए देनदारियां अभी भी भारी हैं.

लिस्टिंग कमजोर क्यों रही?

कमजोर लिस्टिंग के पीछे कई कारण रहे:

  • NII (बड़े निवेशक) सब्सक्रिप्शन कमजोर रहा.
  • वैल्यूएशन को लेकर बाजार में असमंजस था.
  • कर्ज ज्यादा और कैश रिजर्व सीमित हैं.
  • लिस्टिंग से पहले बाजार में कंपनी को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं थी.

ये कारण निवेशकों के भरोसे को कमजोर करते हैं.

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आगे क्या? (Shining Tools IPO)

SME शेयरों में कई बार असली कहानी लिस्टिंग के बाद शुरू होती है. कंपनी के फंडामेंटल पिछले कुछ सालों में सुधरे हैं और ग्रोथ की दिशा भी सही दिखती है. लेकिन अगले 3–6 महीनों में शेयर का प्रदर्शन इन बातों पर निर्भर करेगा:

  • नया प्लांट कब तक शुरू होता है
  • FY26 की अगली तिमाही के नतीजे कैसे आते हैं
  • कंपनी कर्ज कितनी तेजी से कम करती है
  • ऑर्डर बुक कितनी मजबूत बनती है

फिलहाल IPO निवेशकों को शुरुआती नुकसान झेलना पड़ा है.

चमकदार नाम, लेकिन फीकी शुरुआत

Shining Tools के नाम से निवेशकों को उम्मीदें जरूर थीं, लेकिन लिस्टिंग ने उन्हें निराश किया. लोअर सर्किट पर शुरुआत यह दर्शाती है कि बाजार फिलहाल कंपनी को लेकर इंतजार की स्थिति में है.

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