Shiromani Akali Dal: पंजाब में नए सरपंचों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आने के बाद अकाली दल ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में दोहरी सरकार चल रही है.

Shiromani Akali Dal के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि जिस व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में भ्रष्टाचार के मामले में जमानत देते समय मुख्यमंत्री कार्यालय में जाने से रोका था, उसे शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि बनाया गया. इस दौरान डॉ. चीमा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब में इस समय दो सरकारें काम कर रही हैं, जिनमें से एक अरविंद केजरीवाल की है. पंजाब के अधिकारी हर दिन आदेश लेने के लिए दिल्ली जाते हैं, फाइलें दिल्ली भेजी जाती हैं और वहां से ही फैसले होते हैं.

दूसरी समानांतर सरकार भाजपा द्वारा राज्यपाल के माध्यम से चलाई जा रही है. राज्यपाल का पद बहुत ऊंचा है और उनकी कई जिम्मेदारियां हैं, लेकिन आज पंजाब में ऐसा लगता है कि सीमावर्ती क्षेत्र की सरकार दिल्ली से ही चल रही है. इन दोनों सरकारों के बीच 92 सदस्यों की वह सरकार जो लोगों द्वारा चुनी गई थी, उसका कोई अता-पता नहीं है.

फिर से उठाया नशाखोरी का मुद्दा, इलाज पर बात नहीं

डॉ. चीमा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने फिर से नशे का मुद्दा उठाया है. सभी जानते हैं कि यह समस्या पुरानी है, लेकिन इसके समाधान के बारे में कुछ नहीं बताया गया. आखिर जिम्मेदार कौन है? पहले अरविंद केजरीवाल कहते थे कि नेता नशा बेच रहे हैं. आज बताएं कि अब नशा कौन बेच रहा है?

Shiromani Akali Dal: किसी ने खेती और किसानी पर बात नहीं की

अकाली दल ने आरोप लगाया कि नशे का मुद्दा फिर से उठाया गया है ताकि असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके. मंडियों में धान की एक बोरी रखने तक की जगह नहीं है. खेती खत्म होने की कगार पर है, डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो रही. ये असल मुद्दे हैं, लेकिन इनके बारे में कोई बात करने को तैयार नहीं है. न तो अरविंद केजरीवाल और न ही केंद्र की भाजपा सरकार को याद आया कि धान की लिफ्टिंग अभी भी लंबित है.

Shiromani Akali Dal: केंद्रीय राज्य मंत्री पर भी साधा निशाना

इस दौरान डॉ. चीमा ने केंद्रीय राज्य मंत्री बने रवीनीत सिंह बिट्टू पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वह रेल मंत्री बन गए हैं. अगर ऐसा है, तो धान की लिफ्टिंग के लिए अतिरिक्त वाहन क्यों नहीं लगाए गए? अगर ऐसा किया गया होता, तो पंजाब को भी महसूस होता कि उसका कोई केंद्रीय राज्य मंत्री बना है.