Shiv Chalisa: शिव चालीसा का पाठ भगवान शिव की कृपा पाने का एक सशक्त माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार हम अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिनके कारण इसका पूर्ण फल नहीं मिल पाता? आइए जानते हैं ऐसी ही एक आम गलती के बारे में.

अक्सर लोग शिव चालीसा पढ़ते समय केवल पाठ को ‘पढ़ने’ तक सीमित रखते हैं — वे उसमें भावनाओं और मन की एकाग्रता को शामिल नहीं करते. भगवान शिव को ‘भाव का भूखा’ कहा गया है. यदि मन कहीं और भटक रहा हो और केवल जुबान पाठ कर रही हो, तो यह केवल शब्दों का उच्चारण बनकर रह जाता है.

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शांत स्थान पर बैठकर करें पाठ (Shiv Chalisa)

दूसरी आम गलती है — पवित्रता का अभाव. शिव चालीसा पढ़ने से पहले स्नान कर लें, स्वच्छ वस्त्र पहनें और एक शांत स्थान पर बैठकर पाठ करें. मोबाइल या अन्य डिवाइस के कारण बार-बार ध्यान भटकाना भी एक सामान्य चूक है. इससे पाठ की पवित्रता और प्रभाव — दोनों प्रभावित होते हैं.

श्रद्धा, एकाग्रता और पवित्रता — तीनों का होना आवश्यक (Shiv Chalisa)

इसके अतिरिक्त, कुछ लोग शिव चालीसा को केवल किसी परेशानी के समय ही पढ़ते हैं, जबकि इसका नियमित पाठ व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनाता है. इसलिए अगली बार जब आप शिव चालीसा का पाठ करें, तो ध्यान रखें — श्रद्धा, एकाग्रता और पवित्रता तीनों का होना आवश्यक है. तभी शिव कृपा सच्चे रूप में प्राप्त हो सकती है.

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