श्रावण मास भगवान शिव की भक्ति का सबसे पवित्र समय माना जाता है. लेकिन विहंगम दृष्टि से देखें तो सावन में हनुमान जी की पूजा भी अद्भुत लाभ देती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी भगवान शिव के रुद्रावतार हैं.
शिव पुराण और अन्य पुरातन ग्रंथों में यह वर्णित है कि जब भगवान शिव ने भगवान राम की सेवा के लिए अवतार लिया, तब उन्होंने हनुमान के रूप में जन्म लिया. इसलिए, हनुमान की भक्ति शिवभक्ति का ही सशक्त विस्तार है.
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सावन में शिव जी के साथ करें हनुमान जी की पूजा, मिलेगी दोगुनी कृपा
सावन में हनुमान पूजन क्यों है विशेष?
1. संकटमोचन का अधिकार: हनुमान जी को ‘संकटमोचन’ कहा जाता है. सावन में इनके स्मरण से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और जीवन की बाधाएं घटती हैं.
2. शनि दोष की मुक्ति: शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित लोगों के लिए सावन मास में हनुमान भक्ति अत्यंत लाभदायक होती है.
3. बल, बुद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि: हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से आत्मबल, मानसिक स्थिरता और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
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सावन में हनुमान जी की पूजा कैसे करें?
- दिन चुनें – मंगलवार या शनिवार को विशेष पूजा करना शुभ माना जाता है.
- सामग्री – सिंदूर और आकार में शुद्ध चमेली का तेल रखें.
- पूजन विधि
- तस्वीर या मूर्ति के सामने दीप प्रज्वलित करें.
- सिंदूर और चमेली तेल चढ़ाएं.
- ‘ॐ हं हनुमते नमः’ मंत्र का जप करते रहें.
- अंतिम रूप से शिवलिंग पर जल तथा बेलपत्र अर्पित करें.
धार्मिक आचार्यों का मानना है कि सावन में शिव पूजन के साथ हनुमान पूजन यदि संयोजित रूप से किया जाए, तो साधक को दोगुनी कृपा और आशीर्वाद मिलते हैं.
सावन के इस माह में, अपने भक्तिभाव में एक नया रंग मिलाने के लिए हनुमान जी की पूजा को अवश्य शामिल कीजिए, क्योंकि दो देवों की कृपा से जीवन में संतुलन, शांति और शक्ति आती है.
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