अमित मंकोडी, आष्टा। शहर के पार्वती नदी किनारे स्थित प्राचीन शंकर मंदिर में सोमवार से शिवपार्वती लोक कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। निर्माण कार्य एक करोड़ रुपए की राशि से होगा। यह कार्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा करीब 1 वर्ष में पूर्ण किया जाएगा। शहर के भोपाल इंदौर मार्ग पार्वती नदी किनारे स्थित शंकर मंदिर में जल्द ही महाकाल लोक की तर्ज पर शिवपार्वती लोक बनेगा। इसमें सुरक्षा बाउंड्री वॉल, विद्यापीठ भवन, भोजन शाला, धर्मशाला बनेगी। साथ ही कॉरिडोर में प्रतिमाएं भी लगेगी।

सीहोर जिले का अति प्राचीन और ऐतिहासिक धरोहर जो की शहर के पार्वती नदी किनारे स्थित शंकर मंदिर जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगा। यहां पर उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर शिवपार्वती लोक कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसका काम भी पिछले दिनों शुरू हो गया है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही यह स्थान भव्य रूप में नजर आएगा। दरअसल प्राचीन शंकर मंदिर पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और शहरवासी मंदिर का जीर्णोद्धार चाहते थे, और यहां हुआ भी सांसद निधि से मंदिर को एक करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है। इस राशि से मंदिर परिसर में एक भव्य कॉरिडोर बनाया जाएगा। जिससे मंदिर की भव्यता और बढ़ जाएगी।

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शिव पार्वती लोक कॉरिडोर में होगा विद्यापीठभवन

मंदिर परिसर में सबसे पहले सुरक्षा बाउंड्री वॉल की जा रही है। उसके बाद विद्यापीठ भवन ,भोजशाला, धर्मशाला बनेगी। साथ ही कॉरिडोर में प्रतिमाएं भी लगेगी। शिवपार्वती लोक लगभग 550 वर्ग फीट में फैला हुआ है। 200 फीट लंबा करीब 140 फीट चौड़ा पूरे कॉरिडोर में अब निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जल्द ही मंदिर नए रूप में नजर आएगा।

कॉरिडोर बनने से मंदिर बढ़ जाएगी भव्यता

प्राचीन शंकर मंदिर के महंत हेमंत गिरी ने बताया है कि, महाकाल लोक की तर्ज पर शहर के प्राचीन शंकर मंदिर को शिव पार्वती लोक बनाकर भव्यता प्रदान की जाएगी। मंदिर के कॉरिडोर के लिए सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी निधि से एक करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है। मंदिर परिसर में विद्यापीठ भवन भी बनाया जाएगा। जिससे यहां आने वाले को धार्मिक शिक्षा प्रदान की जाएगी, गरीबों के लिए और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन शाला का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही बाहर के श्रद्धालुओं को रुकने के लिए धर्मशाला का भी निर्माण होना है, कॉरिडोर में पार्वती नदी से लेकर मंदिर के किले परिसर नदी में घाट भी बनेंगे जिससे कि मंदिर की सुंदरता और बढ़ जाएगी। मंदिर परिसर के कॉरिडोर में एक दर्जन से अधिक प्रतिमाएं भी लगेगी।

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शंकर मंदिर समिति के अध्यक्ष सुदीप जायसवाल और समिति उपाध्यक्ष आनंद खंडेलवाल ने लल्लूराम को जानकारी देते हुए बताया कि, शंकर मंदिर पांडव कालीन मंदिर है। यहां रावण भी अभिषेक कर चुके हैं, लेकिन वर्षों से शंकर मंदिर अपने जीर्णोद्धार के लिए उपेक्षा का शिकार रहा है। वर्त्तमान संसद महेंद्र सिंह सोलंकी और विधायक गोपाल सिंह इंजिनियर का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने कहा सालों से अपने जीर्णोद्धार होने से वंचित रहे शंकर मंदिर को एक नई दिशा मिली है। इससे शिव पार्वती लोक के रूप में संवारने का नया आयाम स्थापित हुआ हे। इससे अब शंकर मंदर की भव्यता बढ़ेगी और श्रद्धालुओं का आवागमन भी बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा की शंकर मंदिर का जीर्णोद्धार इससे पहले भोपाल लोकसभा क्षेत्र की सांसद उमा भारती ने जीर्णोद्धार निर्माण कार्य कराया थ। जिसमें गोरिकुंड, प्रवेश द्वार, फर्श सहित अनेक काम हुए थे।

आष्टा नगर के लिए सौगात

क्षेत्रीय विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर ने कहा कि मेरी भी इच्छा साकार हो गई। मैं भी चाहता था कि प्राचीन शंकर मंदिर भव्य बने। शिवपार्वती लोक बनने के बाद प्राचीन शंकर मंदिर की ओर महत्वता बढ़ जाएगी। लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा हुई थी और राशि भी आ गई थी। निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है करीब एक वर्ष में यहां कॉरिडोर बनकर तैयार होगा। यह पूरे शहर के लिए एक सौगात है सभी चाहते थे कि शंकर मंदिर और भव्य बने।

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