मनोज यादव, कोरबा। निगम कार्यालय कोरबा में शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा वार्ड की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपने के दौरान विवाद की स्थिति निर्मित हो गई. निगमायुक्त को ज्ञापन देने से जाने के लिए पुलिस ने केवल 5 लोगों को इजाजत दी, लेकिन दूसरे कार्यकर्ता भी अंदर जाने की जिद पर अड़े रहे. पुलिस से विवाद के बाद कार्यकर्ता पुलिस अधीक्षक से शिकायत की बात कहते हुए लौट गए.
शिवसेना ने बताया कि नगर के विभिन्न वार्डों में व्याप्त समस्याओं को लेकर 9 सितम्बर को निगम कार्यालय का घेराव किया गया था. इस दौरान निगम आयुक्त ने 7 दिनों में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इसके एक माह बीत जाने के बाद भी चर्चा करने पर निगम आयुक्त कार्य शुरू करने की बात कहते रहे.
आखिरी बार दीपावली के बाद 2 से 3 दिनों में वार्ड कमांक 16 एवं 35 में कार्य आरंभ करने की बात कही गई, लेकिन फिर कार्य आरंभ नही किया गया. इस तरह से जिम्मेदार अधिकारी जनता की मूलभूत जरूरतों को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिसके विरोध में फिर निगम कार्यालय का घेराव किया जा रहा है. इसके लिए निगम प्रशासन जिम्मेदार है.
निगम कार्यालय के घेराव के दौरान रानू सोनी, विक्की श्रीवास, महेश्वर, यशवंत, गिरधर, रवि श्रीवास, सी शिवरंजनी, मनोज केशरवानी, पीतर बाई, जीत सिंह राजपूत, पंकज श्रीवास सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे.