Shivsena UBT on Ram Mandir: उत्तरप्रदेश स्थित रामनगरी अयोध्या में 8 जून को श्री राम मंदिर के प्रथम तल पर भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिपूर्वक सम्पन्न हुई। शिवसेना (यूबीटी) ने 9 जून को अपने मुखपत्र सामना में इस प्राणप्रतिष्ठा को लेकर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। शिवसेना ने बीजेपी पर राम मंदिर की पवित्रता को राजनीतिक स्वार्थ में उपयोग करने का आरोप लगाया गया है।

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‘रामसभा की पवित्रता’ शीर्षक के साथ छपे सामना के लेख में यह बताया गया है कि 22 जनवरी 2024 को श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को बीजेपी ने राष्ट्रीय उत्सव के बजाय एक निजी राजनीतिक प्रचार कार्यक्रम में बदल दिया, जिससे इसकी पवित्रता खंडित हुई।

संपादकीय के अंतिम भाग में वैदिक दृष्टिकोण से ‘राम दरबार’ की अवधारणा पर सवाल उठाए गए। सामना का कहना है कि ‘दरबार’ शब्द मुगलकालीन व्यवस्था से जुड़ा है, जबकि श्रीराम त्रेता युग के अवतारी पुरुष हैं। इसलिए यह स्थान ‘रामसभा’ कहलाना अधिक उचित है। लेख के अनुसार, आज के शासन में सत्य और धर्म की जो स्थिति है, वह श्रीराम जैसे सत्यनिष्ठ राजा को भी ‘रामसभा’ में बेचैन कर देती होगी। सत्ता में बैठे लोग यदि असत्य और सत्ता की लालसा में लिप्त हैं, तो वे रामसभा की पवित्रता को कभी नहीं समझ सकेंगे।

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राम मंदिर का निर्माण कार्य अब भी अधूरा है- सामना

सामना के अनुसार, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम दरबार की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की। वैदिक मंत्रोच्चार, शंखनाद और हवन से अयोध्या का वातावरण पवित्र बन गया। राम दरबार में भगवान राम सिंहासन पर धनुष सहित विराजमान हैं, साथ में माता सीता, हनुमान, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न भी उपस्थित हैं। यह दरबार हीरे, सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया है, जिन्हें सूरत के व्यापारी मुकेश पटेल ने दान किया. बावजूद इसके, राम मंदिर का निर्माण कार्य अब भी अधूरा है और श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन उन पर प्रतिबंध है।’

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PM मोदी की अनुपस्थिति पर कसा तंज

सामना में यह भी बताया गया है कि राम दरबार की हालिया प्राण प्रतिष्ठा में PM नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति यह दर्शाती है कि लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से BJP नेतृत्व श्रीराम के नाम से दूर हो गया। संपादकीय में यह भी कहा गया कि जिस राम के नाम पर बीजेपी ने “अबकी बार 400 पार” का नारा दिया, वही श्रीराम अब उनके सत्ता के मार्ग में बाधा बन गए हैं। बीजेपी बहुमत से चूक गई और अब अन्य दलों के सहयोग पर निर्भर सरकार बना रही है।

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