पंकज सिंह भदौरिया,दन्तेवाड़ा. छत्तीसगढ़ की धरोहर औऱ भक्तों की आस्था को भारी ठेस पहुंचा है. नारायणपुर राजस्व जिला स्थित तुलारधाम की शिवलिंग रहस्यमय रूप से गायब पाई गई है. इसका पता उस वक्त चला जब भक्त महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचे हुए थे. शिवलिंग गायब होने से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है कि आखिरकार वह गायब कहा हो गया है. हालांकि नक्सलियों ने शिवलिंग के आप-पास बैनर पोस्टर लगाए है जिससे इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह नक्सलियों की ही कारतूत है.

पुरानी तस्वीर जिसमें मौजूद है शिवलिंग

दरअसल माड़ के जंगलों में बसे तुलार धाम में हर महाशिवरात्रि को हाज़ारों दर्शनार्थी नक्सलियों की मांद को चीरते गुजरते है. शायद यही वजह से है कि नक्सली अपने वर्चस्व को बचाने इलाके में लोगों की आवाजाही लाल लड़ाकों को नागवार गुजर रही है. इस बार जब जंगलो का सफर तयकर भक्त तुलार में जिस प्राकृतिक जलाभिषेक करती शिवलिंग के दर्शनों को पहुँचे थे, वह उन्हें अपने स्थान गायब दिखा. पूजा स्थल पर शिवलिंग की जगह महज एक चांदी का छत्र था. आखिर लोगों की आस्था का प्रतीक शिवलिंग किसने हटाया? वैसे तुलार गुफा का इलाका दन्तेवाड़ा-बीजापुर और नारायणपुर तीनों जिले के घने जंगलों से इसका रास्ता है.

नक्सलियों ने लगाए बैनर

नारायपुर में तुलार गुफा आती है. वर्षो से हाज़ारों श्रद्धालु बिना सुविधाओं के ही इस आस्था केंद्र में जाते रहे है. उन्हें शिवलिंग के गायब होने से मायूसी हाथ लगी. इसी तरह से एक बार प्राचीन ढोलकल पर्वत पर प्राचीन गणेश प्रतिमा को भी नीचे फेंककर खंडित कर दिया गया था. जिसके बाद शासन प्रशासन ने बड़े मशक्कत के बाद खंडित प्रतिमा को पुनः मूर्त रूप देकर उसी शिखर पर बैठाया था.

तुलार गुफा बारसूर के रास्ते से मंगनार के जंगलों से लोग कठिन रास्तों से पहुँचते है. जहाँ नक्सलियों के स्मारक और लाल सलाम के दर्जनों नारे नजर आते है. वर्षो से यह इलाका नक्सलियों के वर्चव का माना जाता है. मगर पिछले साल इसी गढ़ में तोड़मा के करीब नक्सली पुलिस मुठभेड़ हुई थी. इसी बात से लोगों का अंदाज़ा है कि इस वजह से नक्सली शिवलिंग को हटा सकते है.