कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) हाई कोर्ट में राज्य में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) जल्द कराने के मामले की सुनवाई आज हुई। मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने गुरुवार को फिर जवाब पेश नहीं किया। शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) से जवाब पेश करने के लिए 2 हफ्ते की मोहलत मांगी है। बार-बार राज्य सरकार की इस रवैये से परेशान होकर याचिकाकर्ता डॉक्टर जया ठाकुर अब सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
बता दें कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in Madhya Pradesh) फरवरी 2020 तक हो जाने थे। वहीं पिछले दो साल से पंचायत चुनाव चल रहा है। याचिकाकर्ता डॉक्टर जया ठाकुर की याचिका का इलेक्शन कमीशन (election commission) ने भी सपोर्ट किया है।
4 अक्टूबर को राज्य शासन ने कोर्ट में पेश नहीं किया था जवाब
इससे पहले 4 अक्टूबर को सुनवाई में कोर्ट ने राज्य शासन (Shivraj Singh Chouhan Govt) और इलेक्शन कमीशन को 3 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा था। लेकिन सरकार ने कोर्ट में कोई जवाब नहीं दिया था। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि चुनाव आयोग तो इलेक्शन कराने को तैयार है. इसके लिए उसने 250 पेज का जवाब भी प्रस्तुत किया था। इसमें चुनाव को लेकर उसने सकारात्मक उत्तर दिया था। जबकि राज्य शासन ने अपना जवाब कोर्ट में पेश नहीं किया था। जिसके बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन बाद यानी 28 अक्टूबर को इलेक्शन का शेड्यूल पेश करने का आदेश दिया था।
राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव को लेकर तैयारी पूरी कर चुका
राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) पंचायत चुनावों को लेकर तैयारी पूरी कर चुका है। कलेक्टरों को भी इसके इंतजाम पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। संभावना है कि पंचायत के चुनाव नवंबर के पहले हफ्ते में ही करवाए जाएंगे। जिसकी प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। पंचायत के चुनाव तीन से चार चरणों में हो सकते हैं।