भोपाल. मध्य प्रदेश में 15 साल बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपनी भविष्य की राजनीति का खुलासा किया है।
निवर्तमान मुख्यमंत्री ने केंद्र की राजनीति में अपनी भूमिका से इंकार करते हुए गुरुवार को कहा कि मध्य प्रदेश को छोड़कर वह कहीं नहीं जाएंगे। वह मरते दम तक एमपी में ही रहेंगे। 11 दिसंबर को आए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में गए और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। विधानसभा की 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें और भाजपा को 109 सीटें मिली हैं। एमपी में सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत है। बसपा और सपा ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है।
शिवराज ने कहा, ‘मैं केंद्र की राजनीति में नहीं जाऊंगा। मैं मध्य प्रदेश में रहूंगा और यहीं पर मरूंगा।’ इससे पहले मंगलवार को भाजपा की हार की जिम्मेदारी लेते हुए शिवराज ने कहा, ‘मुझे जनता और कार्यकर्ताओं का भरपूर प्यार मिला। वोट भी हमें कांग्रेस से थोड़ा ज्यादा मिल गए, लेकिन संख्या बल में कांग्रेस से पिछड़ गए। इसलिए मैं संख्या बल के सामने शीश झुकाता हूं।
शिवराज ने बुधवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को राजभवन में सौंपा। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, ‘पराजय की जिम्मेदारी सिर्फ मेरी, मेरी और मेरी है।’ चौहान ने कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं।