भोपाल. शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चौथे सीएम होंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है. शिवराज सिंह आज शाम 7 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है. इसमें उन्हें विधायक दल का नेता चुना जाएगा. इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन उन्हें राजभवन में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे.

गौरतलब है कि सिंधिया खेमे के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत आ गई. इसके बाद कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. बाद में ये सभी बागी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए.

6 महीने में कराना होगा उपचुनाव

कांग्रेस विधायकों की इस्तीफे के बाद सदन में कांग्रेस विधायकों संख्या घटकर 92 हो गई है. वहीं, बीजेपी के पास कुल 106 विधायक है. 230 सदस्यों वाली विधानसभा में बागी विधायकों के इस्तीफा और दो विधायकों की मौत के बाद कुल 24 सीट खाली हो गई है. इन सीटों पर 6 महीने में चुनाव होने हैं.

भाजपा नेताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राज्य के लिए स्थाई सरकार की जरूरत है. इसलिए भाजपा ने शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. सभी विधायकों को अकेले पार्टी दफ्तर आने के लिए कहा गया है. पार्टी हाईकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक दिल्ली से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए विधायकों से संवाद करेंगे. उसके बाद ही नए नेता के नाम का ऐलान होगा.

तीन नामों की थी चर्चा

शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इस बार मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं. इस बार शिवराज के साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम का कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आलाकमान ने शिवराज सिंह का नाम तय किया.

सिंधिया को 6 महीने तक बंगला अलॉट नहीं हुआ था

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा में शामिल हो गए. सिंधिया का भाजपा में शामिल होना मीडिया में काफी सुर्खिया बटोरी. इसी बीच सिंधिया के करीबी पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ‘छोटी-छोटी बातों में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनदेखी की जाती थी. उन्हें 6 महीने तक बंगला तक अलॉट नहीं किया गया.’