कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ऑक्सीजन और जीवन रक्षक रेडमेसिविर इंजेक्शन की कमी से प्रदेश में मौतों का आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ रहा है। आलम यह है कि प्रदेश के कई जिलों में मुक्तिधाम में शवों को जलाने के लिए जगह कम पड़ने लगी है। बेकाबू होते इन हालातों के बीच अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने ही लोगों के बीच घिरते नजर आ रहे हैं। भाजपा के एक मंडल अध्यक्ष ने तो शिवराज सिंह चौहान को निकम्मा मुख्यमंत्री तक कह दिया।

कोरोना से अपने करीबियों को खोने के बाद जबलपुर पाटन के नूनसर मंडल से अध्यक्ष अजय पटेल का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अपने फेसबुक पर सीएम के खिलाफ यह टिप्पणी की। यही नहीं उन्होंने 29 लोगों को टैग भी किया था।

उन्होंने लिखा, “हमारे प्रदेश का निकम्मा मुख्यमंत्री मैं खुद मंडल अध्यक्ष होते हुए उसका विरोध करता हूं। चाहे जो भी हो क्योंकि मैंने अपनों को मरते हुए देखा है।”

सोशल मीडिया में लिखी गई उनकी यह पोस्ट अब जमकर वायरल होने लगी है। उनकी इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस भी अब हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने इसे मंडल अध्यक्ष के दिल की पीड़ा बताई है। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान से इन स्थितियों को संभालने के लिए कहा है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनसे स्थिति नहीं संभल रही है तो वे घर बैठ जाएं।

उन्होंने कहा, “कहा कि कोरोना के कहर से मध्यप्रदेश हलाकान है। इंदौर, भोपाल और जबलपुर पर तो मानो यमराज की अतिदृष्टि पड़ रही है। श्मशान कब्रिस्तान छोटे पड़ रहे हैं। सरकार आंकड़े छिपा रही है। आम जनता चाहे मरीज हो या उनके परिजन कराह रहे हैं कि वे दुराव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं। कहीं ऑक्सीजन नहीं है, कहीं बेड नहीं है तो कहीं इंजेक्शन नहीं है। इन दुराव्यवस्थाओं को लेकर जबलपुर से विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सेना के हवाले जबलपुर करने के लिए कहा था। अब जबलपुर के नूनसर के मंडल अध्यक्ष ने अपनी पीड़ा यह कहते हुए व्यक्त की है कि उन्होंने अपने परिवार के साथियों के कई नजदीकियों को खो दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को निकम्मा तक कह डाला है। यह शब्द कोई राजनीतिक शब्दावली से गढ़ा हुआ नहीं है। कमोबेश यह दर्द प्रदेश के हर व्यक्ति के दिल में कराह रहा है। मेरी प्रार्थना है कि मुख्यमंत्री स्थिति को संभालिए चंद नौकरशाह आपको डुबा देंगे। अगर स्थिति नहीं संभल रही है तो घर बैठिये।”