रायपुर. विधानसभा में आज कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कबीर पीठ के अध्यक्ष पद पर एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला की नियुक्ति के मसले को उठाकर सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर घेरा.
राजनीतिक आरक्षण 10 साल बढ़ाए जाने पर विधानसभा में हो रही रही चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि एक तरफ सरकार आरक्षण को बढ़ाने की घोषणा करती है-दूसरी तरफ सरकार के मुखिया के खास व्यक्ति हाईकोर्ट जाकर इस फैसले के खिलाफ स्टे ले आते हैं और बाद में उस खास व्यक्ति को सरकार कुशाभाऊ ठाकरे विवि के शोध पीठ में अध्यक्ष बनाकर उपकृत करती है. शिवरतन शर्मा ने बाद में उस व्यक्ति को कुणाल शुक्ला कहकर संबोधित किया.
 शिवरतन शर्मा ने कहा कि इससे साबित हो ता है कि कांग्रेस आदिवासियों और अनुसूचित जाति के लोगों की भावनाएं से खेलती है. आज़ादी से आज तक कांग्रेस ने एससी/एसटी को वोट बैंक के रुप में इस्तेमाल किया.
शिवरतन शर्मा के इस बयान पर मंत्री मोहम्मद अकबर और धनेंद्र साहू ने आपत्ति जताई. अकबर ने कहा कि जो आरोप वो बता रहे हैं क्या उसका प्रमाण पेश कर पाएंगे. अकबर ने कहा कि दो अलग-अलग विषय हैं जिन्हें जोड़कर शिवरतन गलत आरोप लगा रहे हैं. शिवरतन शर्मा के बयान पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच थोड़ी देर के लिए नोंक-झोंक भी हुई.