Bihar Politics: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष रह गए हैं. ऐसे में अब चुनावी तैयारियों के बीच सियासी बयानबाजी और दल-बदल का भी खेल शुरू हो चुका है. चुनाव से पहले जदयू को बड़ा झटका लगा है. कल शनिवार (28 जून) को सीएम नीतीश के 26 सालों के साथी जो समता पार्टी के समय से उनके साथ थे उन्होंने साथ छोड़ दिया है.
26 सालों के बाद छोड़ा पार्टी का साथ
जदयू के वरिष्ठ नेता और अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र चौहान ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए प्रशांत किशोर की जन सुराज में शामिल हो गए. चौहान पिछले 26 वर्षों से नीतीश कुमार के साथ रहे हैं और समता पार्टी के दौर से लेकर अब तक जदयू के संगठनात्मक कार्यों और चुनावी रणनीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं.
नालंदा में लिया बड़ा फैसला
नालंदा जिले के इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र के कस्तूरी बिगहा गांव निवासी चौहान नोनिया-बिंद-बेलदार समाज के प्रभावशाली नेता हैं. वे लंबे समय से बिहार राज्य नोनिया-बिंद-बेलदार महासंघ के संयोजक के रूप में अपने समाज को संगठित करते रहे हैं. शनिवार को नालंदा के एकंगरसराय में सुखदेव अकादमी मैदान में हजारों समर्थकों की मौजूदगी में उन्होंने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की. इस अवसर पर जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर भी मौजूद थे.
बिहार में बदलाव का लिया संकल्प
जन सुराज में शामिल होने के बाद चौहान ने कहा कि, वे बिहार में भ्रष्टाचार मुक्त शासन, परिवारवाद से मुक्त राजनीति और सकारात्मक बदलाव के लिए जन सुराज से जुड़े हैं. उन्होंने वादा किया कि वे गांव से लेकर प्रदेश स्तर तक पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरे समर्पण से काम करेंगे.
इस मौके पर इस्लामपुर से भाजपा के महामंत्री नीरज कुमार चंद्रवंशी ने भी जन सुराज की सदस्यता ली. चौहान के जदयू छोड़ने को राजनीतिक हलकों में नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
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